सीएम बघेल ने शाह को बताई नक्सलवाद जड़ से खत्म करने की अपनी नीति |

सीएम बघेल ने शाह को बताई नक्सलवाद जड़ से खत्म करने की अपनी नीति

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  •  नई दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक को किया संबोधित

नई दिल्ली/रायपुर। नवप्रदेश छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhoopesh baghel) ने कहा है कि नक्सलवाद प्रभावित (naxal affected) और आदिवासी इलाकों में हमारी नीति विश्वास, सुरक्षा और विकास की रही है। इस नीति के दम पर ही हम प्रदेश से नक्सलवाद (naxalism) को जड़ से समाप्त करेंगे। इसके बिना नक्सल समस्या को खत्म नहीं कर सकते।

बघेल सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विश्वास और विकास के लिए जो कदम उठाए हैं, उसके बारे में केंद्र सरकार को बताना चाहता हूं।

उन्होंने कहा कि हमने वनवासियों को वन अधिकार पत्रों का वितरण कर उन्हें अधिकार संपन्न बनाया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बस्तर के जो स्कूल बंद हो चुके थे या नक्सलियों द्वारा तोड़ दिए गए थे, उन्हें पुन: चालू करवाया गया है।

आरआरपी-2 योजना के लिए मांगी 100 फीसदी राशि

उन्होंने (cm bhoopesh baghel) सड़क निर्माण में आरआरपी-2 योजना में केंद्र से 60 प्रतिशत राशि की जगह शत-प्रतिशत राशि प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अकेला हमारा बस्तर अंचल केरल राज्य से बड़ा है। सड़क निर्माण के लिए केंद्र से साठ प्रतिशत अनुदान मिलता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां काम करना कठिन है। बघेल ने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल प्रदेश में नक्सली घटनाओं में कमी आयी है।

राज्यों के बीच समन्वय पर दिया जोर :

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhoopesh baghel) ने बैठक में सुरक्षा, राज्यों के बीच समन्वय और इन क्षेत्र में विकास सम्बंधी विभिन्न विषयों पर केंद्र का ध्यान आकृष्ट कराया। बैठक में बताया गया कि राज्य में सुरक्षा और विकास के लिए उच्च स्तर पर यूनीफाईड कमांड की परिकल्पना की गई थी ताकि रणनीति दृष्टि से निगरानी की व्यवस्था के साथ समन्वय सम्बंधी सभी मुद्दों का त्वरित समाधान किया जा सके।

बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ सहित 6 राज्यों ने यूनीफाइड कमांड का गठन कर लिया है। ‘सड़क आवश्यकता योजना’ (आरआरपी-1) के तहत छत्तीसगढ़ में लगभग 1500 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कें बनाई जा चुकी हैं।

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