Site icon Navpradesh

CM Baghel ने बताया गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नवा मंत्र, बोले- हमें बनना है दोनों…, हार्वर्ड….

cm baghel lokwani, cm baghel idea on gadbo nawa chhattisgarh, cm baghel concept on production and consumption, navpradesh,

cm baghel lokwani

CM Baghel Lokwani : प्रदेश की जनता की खुशहाली और विकास को लेकर राज्य सरकार के विजन पर अपने विचार विस्तार से रखे।

रायपुर/नवप्रदेश। CM Baghel Lokwani : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बहुमूल्य संसाधनों का उपयोग करके छत्तीसगढ़ के लोग भी समृद्ध और खुशहाल बने। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य में छत्तीसगढ़ को उत्पादक और उपभोक्ता दोनों ही बनना है। यही है हमारा ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़।

मुख्यमंत्री (CM Baghel lokwani) ने ये बातें रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम लोकवाणी की 15वीं कड़ी में कही। उन्होंने ‘उपयोगी निर्माण-जन हितैषी अधोसंरचनाएं और आपकी अपेक्षाएंÓ विषय पर प्रदेश की जनता की खुशहाली और विकास को लेकर राज्य सरकार के विजन पर अपने विचार विस्तार से रखे।

बघेल ने कहा कि अधोसंरचना विकास के कार्यों में सड़क, बिजली और सिंचाई संसाधनों के नेटवर्क को पूरा करने पर जोर दिया गया है, ताकि अधोसंरचना विकास के कार्यों का पूरा लाभ प्रदेश की जनता को मिल सके। गांव-गांव में महिला स्व सहायता समूह तथा प्रतिभावान युवाओं के नवाचार से प्रदेश में समृद्धि और खुशहाली का नए रास्ते बनाने की शुरूआत हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव-गांव में ऐसी अधोसंरचनाएं तैयार की जा रही हैं। जिनका लाभ बड़े पैमाने पर लोगों को मिलता है।

नई जल संसाधन नीति तैयार करने काम हो चुका पूरा :


राज्य की सिंचाई क्षमता दोगुनी करने के लिए प्रदेश की नई जल संसाधन नीति तैयार करने का काम पूरा हो चुका है। वर्मी कम्पोस्ट से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षा में गुणात्मक सुधार का रोडमैप बनाया है। इसी तरह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, कृषि शिक्षा और इंजीनियरिंग कॉलेजों में ऐसे पाठ्यक्रम प्रारंभ करने पर जोर दिया गया है, जिससे स्थानीय संसाधनों के वेल्यू एडिशन से उत्पादन का रास्ता बने। युवाओं में उद्यमिता का विकास हो और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिलें। पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय विकास को गति देने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जल संरक्षण और संवर्धन के लिए 30 हजार नरवा चिन्हांकित


मुख्यमंत्री (CM Baghel Lokwani) ने श्रोताओं से रू-ब-रू होते हुए कहा कि निश्चित तौर पर ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बारीÓ हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसकी शुरुआत हमने छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी को बचाने के लिए किया था। नरवा के काम में पंचायत और ग्रामीण विकास, जल संसाधन विकास विभाग, वन विभाग आदि की मदद ली जा रही है। लगभग 30 हजार नरवा चिन्हांकित किए गए हैं और लगभग 5 हजार नरवा विकास का काम काफी आगे बढ़ चुका है।

अगले 5 वर्षों में राज्य की सिंचाई क्षमता दोगुनी करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पुरानी जल संसाधन परियोजनाओं की कमियों को दूर किया ताकि वास्तविक सिंचाई का रकबा बढ़े, इसके अलावा भी बड़ी-बड़ी नई योजनाएं हाथ में ली हैं। बोधघाट के अलावा शेखरपुर बांध, ढांडपानी बांध, रेहर अटेम जैसी 15 परियोजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा था। हमारा लक्ष्य है कि आगामी 5 साल में प्रदेश में ऐसी जल अधोसंरचनाओं का विकास हो जाए, जिससे राज्य की सिंचाई क्षमता दोगुनी हो जाए।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के भ्रमण का भी जिक्र


खेती-किसानी को लेकर युवाओं के मन में सम्मान का भाव नहीं होने की एक बड़ी वजह थी कि खेती और उच्च शिक्षा के बीच की कड़ी ही मिसिंग थी। हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भ्रमण के दौरान मेरे मन में यह बात आई थी कि विश्वविद्यालयों में उत्पादन केन्द्र तथा युवाओं में उद्यमिता विकास को लेकर कोई संरचनागत, संस्थागत काम होना चाहिए, जिसमें निरंतरता हो और युवाओं को कृषि से संबंधित रोजगार के नए अवसरों की जानकारी हो, उन्हें मार्गदर्शन व सहयोग मिले। छत्तीसगढ़ में यह शुरुआत एक सुखद संकेत है।

इसलिए हमने यह तय किया कि उतने ही इंजीनियरिंग कॉलेजों को महत्व मिले जितने में गुणवत्ता से शिक्षा दी जा सके और उसमें भी ऐसे पाठ्यक्रम होने चाहिए जो स्थानीय संसाधनों के वेल्यू एडीशन से उत्पादन का रास्ता बनाएं। यह तो विडम्बना ही थी कि हमारे कृषि प्रधान राज्य में इंजीनियरिंग कॉलेजों की भरमार हुई लेकिन कृषि शिक्षा के कॉलेज समुचित संख्या में नहीं खोले गए, इसलिए हमने एग्रीकल्चर के साथ उद्यानिकी-वानिकी, डेयरी टेक्नोलॉजी, फूड प्रोसेसिंग, मछली पालन जैसे विषयों के लिए विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और पॉलीटेक्निक खोलने पर जोर दिया है।

श्रोताओं ने सराहा ‘नरवा, गरवा, घुरवा और बारीÓ प्रोजेक्ट और चबूतरा

लोकवाणी के लिए रिकार्ड कराए गए अपने संदेश में बेमतरा के भूपेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद किसानों को काफी राहत मिली। महासमुंद जिले की बम्हनी ग्राम पंचायत की रूक्मणी पाल ने बताया कि उनके जय मां सरस्वती महिला स्व-सहायता समूह ने गोबर से 200 क्विंटल खाद बनाई, जिससे 1 लाख 77 हजार रुपए आय हुई। आरंग के श्री नंद कुमार ने कहा कि ‘नरवा, गरवा, घुरवा और बारीÓ प्रोजेक्ट से अधोसंरचना विकास की एक दिशा दिखी है। वहीं
ग्राम डबराखुर्द के राजेश कुमार कनौजिया और कोसरंगी के सोम प्रकाश साहू ने बताया कि धान खरीदी केन्द्रों में चबूतरा बनने से हमारा धान खराब नहीं होता है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

Exit mobile version