रायपुर/नवप्रदेश। CM vs Ex CM : छत्तीसगढ़ में वित्तीय स्थिति को लेकर CM भूपेश बघेल और पूर्व CM डॉ.रमन सिंह की Twitter पर चल रहे जंग ने सियासत गरमा दिया है। सरकार जहां वित्तीय साख को बचाने की कोशिश में है तो वहीं विपक्ष ने निशाना साधते हुए सरकार के दिवालियेपन की बात कही है।
दरअसल, आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग ने सभी निगम ,मंडलों और प्राधिकरणों को अपनी बची हुई राशि को “के डिपॉजिट” में जमा करने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद भाजपा को फिर एक मुद्दा सरकार को घेरने के लिए मिल गया है। डॉ रमन सिंह (CM vs Ex CM) ने “के डिपॉजिट” के लिए जारी किये गए निर्देशों की कॉपी ट्वीटर पर साझा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा है, वही सीएम बघेल ने भी डॉ रमन सिंह को उनका कार्यकाल याद दिलाते हुए पलटवार किया है।
गौरतलब है कि बीते 10 वर्षो में दूसरी बार ऐसा निर्देश प्रदेश सरकार ने जारी किया है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2013 में भी तत्कालीन सरकार ने इसी प्रक्रिया को अपनाकर अपना वित्तीय संतुलन को बराबर किया था। लेकिन भाजपा अब विपक्ष में है तो वह अपने जिम्मेदारी का निर्वहन करते दिखाई दे रही है।
पूर्व CM डॉ रमन सिंह ने ट्वीटर पर CM बघेल से सवाल करते हुए लिखा है कि “छत्तीसगढ़ सरकार दिवालिया हो गई है? शायद ही किसी राज्य में ऐसा होता हो कि निगम मंडलों में इमरजेंसी के लिए जमा राशि को सरकार के के- डिपॉजिट में जमा करने कहा जाए। 3 साल में 51000 करोड़ से अधिक का कर्ज, फिर भी ये स्थिति।भूपेश बघेल जी ने छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का ATM बना दिया है।
वही सीएम भूपेश बघेल (CM vs Ex CM) ने भी पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह को उनके कार्यकाल को याद दिलाते हुए के डिपॉज़िट के दस्तावेज ट्वीटर पर साझा किया है। CM भूपेश ने लिखा “चिंतित हूं डॉक्टर साहब! कहीं आप स्मृतिलोप के शिकार तो नहीं हो गए हैं?
“के डिपॉज़िट” है सामान्य प्रक्रिया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास ही वित्त विभाग की जिम्मेदारी हैं। ऐसे में प्रदेश के आला अधिकारी की माने तो के डिपॉजिट किया जाना सामान्य प्रक्रिया है। राज्य में वित्तीय प्रबंधन को बनाये रखने के लिए ऐसा किया जाता है। प्रक्रिया के जरिये निगम ,मंडलों के बैंक खातों में रखी बची हुई राशि के डिपॉज़िट में जमा करना होता है। उन्होंने बताया कि ऑडिटर जनरल का निर्देश है कि बची हुई राशि को संचित निधि से बाहर नहीं रखा जाना है । इसके अतिरिक्त राशि को के डिपॉजिट में रखने से सम्बंधित निगम,मंडल या प्राधिकरण के मद में ही रिकॉर्ड की जाएगी। अगर निगम या मंडल को पैसो की जरूरत पड़ती है तब वह उनकी मांग कर सकता है।