नई दिल्ली/नवप्रदेश। Chooses a New CM : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा तलाश करना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। विधायक दल ने सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निर्णय पर छोड़ने का फैसला किया है।
मालूम हो कि कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री के लिए नेता विपक्ष सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच जबरदस्त रेस है। इन दोनों के समर्थकों ने भी बेंगलुरू के सियासी गलियारों में उतर कर मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी को गरमा दिया है।
सिद्धारमैया प्रबल दावेदार
कांग्रेस (Chooses a New CM) ने इससे पहले तीन वरिष्ठ नेताओं सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर इन्हें विधायकों की राय जानने का जिम्मा सौंपा था। कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बेशक डीके शिवकुमार ने अभी अपनी दावेदारी नहीं छोड़ी है मगर पार्टी हलकों से मिल रहे संकेतों से साफ है कि सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं।
दो से तीन दिन का लग सकता है समय
कांग्रेस विधायक दल की रविवार को बेंगलुरू में हुई बैठक में विधायकों की राय जानने के बाद तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इसकी रिपोर्ट देंगे। कर्नाटक की जीत के बाद रविवार को दिल्ली पहुंचे खरगे ने कहा भी कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ भी उनकी चर्चा होगी।
मुख्यमंत्री चयन को लेकर शुरू हुई इस प्रक्रिया को देखते हुए नए सीएम का नाम तय करने में दो से तीन दिन का समय लगने की संभावना है। कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने भी कहा कि विधायकों से मशविरा और उसके बाद शीर्षस्थ नेताओं के बीच चर्चा को देखते हुए इतना समय लगना स्वाभाविक है। कांग्रेस विधायकों की बैठक के लिए बेंगलुरू पहुंचे केंद्रीय पर्यवेक्षक सुशील कुमार शिंदे ने भी कहा कि विधायकों से बातचीत में उनकी राय जानने के बाद तीनों पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेंगे और इसका बाद नेतृत्व मुख्यमंत्री के नाम का फैसला करेगा।
सिद्धारमैया कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय और सम्मानित नेता
कर्नाटक में मिली बड़ी जीत ने कांग्रेस के सामने संख्या बल जुटाने या किसी भी तरह के उंच-नीच होने के खतरे का रास्ता बंद कर दिया है लेकिन सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं जरूर उसके लिए चुनौती है। इसमें संदेह नहीं कि सिद्धारमैया कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय और सम्मानित नेता हैं। साथ ही कांग्रेस के परंपरागत अहिंदा वोट बैंक के सामाजिक आधार के हिसाब से नेतृत्व के लिए सबसे मुफीद चेहरा भी हैं।
राहुल गांधी भी करते हैं सिद्धारमैया को पसंद
खास बात यह है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी सिद्धारमैया को पसंद करते हैं और इन वजहों से ही उन्हें मुख्यमंत्री पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वहीं, कर्नाटक में कांग्रेस की मौजूदा जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रदेश अध्यक्ष और कुशल रणनीतिकार डीके शिवकुमार के योगदान को भी पार्टी हाईकमान नजरअंदाज नहीं कर सकता। जेडीएस के आधार वोट वोक्कालिंगा को इस चुनाव में काफी हद तक तोड़ कर कांग्रेस के साथ लाने में शिवकुमार की सबसे बड़ी भूमिका रही है।
शिवकुमार भी गांधी परिवार के सबसे नजदीक
दिलचस्प यह है कि शिवकुमार भी गांधी परिवार के निकटस्थों में शामिल हैं और ईडी की हिरासत के दौरान सोनिया गांधी का विशेष रुप से जेल जाकर उनसे मिलना इसका एक उदाहरण है। हालांकि, इन सबके बावजूद सिद्धारमैया का सियासी दावा मजबूत होने की चर्चाएं हैं और तभी डीके शिवकुमार ने रविवार को मुख्यमंत्री पद के लिए दोनों के बीच टकराव की अटकलों को खारिज करते हुए कांग्रेस की खातिर दी गई अपनी कुर्बानी की याद दिलाई।
सिद्धारमैया और शिवकुमार की हुई है अगल से बैठक
उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया से उनका कोई टकराव नहीं है और हमेशा उनका सहयोग किया है, साथ ही पार्टी के लिए कई बार कुर्बानी दी है। शिवकुमार की यह टिप्पणी इस ओर भी संकेत कर रही है कि नौबत आयी तो वह एक बार फिर कुर्बानी दे सकते हैं। वैसे विधायकों की पर्यवेक्षकों के साथ बैठक से पहले कर्नाटक के प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ सिद्धारमैया और शिवकुमार की अलग से बैठक हुई।
वैसे इन दोनों दिग्गजों के बीच मुख्यमंत्री पद की होड़ के बीच कांग्रेस के लिए लिंगायत समुदाय के नेताओं को भी पूरा सम्मान देने का दबाव है। लिंगायतों ने बड़ी संख्या में भाजपा से विमुख होकर इस बार कांग्रेस को वोट दिया है और इसका नतीजा है कि पार्टी के 136 में से 37 विधायक अकेले लिंगायत समुदाय के हैं।
गुरुवार को नए सीएम के शपथ ग्रहण की हो रही तैयारी
संकेत हैं कि अगले दो दिनों में मुख्यमंत्री का नाम (Chooses a New CM) तय होने के बाद कांग्रेस के नेता कर्नाटक के राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। पार्टी की ओर से नई सरकार के गठन के लिए जो अंदरूनी रूपरेखा बनाई गई है उसके अनुसार, गुरूवार को नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तैयारी की जा रही है।