जगदलपुर/नवप्रदेश। Chitrakot Festival : भारत का मिनी नियाग्रा कहे जाने वाले जगदलपुर के चित्रकोट वॉटर फॉल्स के पास रंगारंग आगाज के साथ चित्रकोट फेस्टिवल की शुरुआत हो गई है। सांस्कतिक कार्यकमों के साथ हुई शुरुआत में इस बार बस्तर की संस्कृति, यहां के व्यजंन और खेलकूद जैसे आयोजन के माध्यम से देश दुनिया में चित्रकोट वाटर फॉल को पहचान दिलाने की कवायद की जा रही है।
आदिवासी संस्कृति को विश्व पटल पर लाने का सुनहरा अवसर
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम ने इस भव्य आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि, यह बस्तर की जनजातीय संस्कृति को विश्व पटल पर पहुंचाने का एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि “बस्तर की लोक संस्कृति सहज और सरल होने के साथ ही अत्यंत आकर्षक भी है, जिससे पूरे विश्व को परिचित कराने की आवश्यकता है तथा इस दिशा में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बहुत ही सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।”
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष तथा नारायणपुर विधायक चन्दन कश्यप ने कहा कि, चित्रकोट महोत्सव (Chitrakot Festival) बस्तर की अनेक जनजातीय संस्कृतियों का मिलन स्थल है। यहां महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर लगने वाले मेले में जहां अपने परिचितों और नाते रिश्तेदारों से मिलने का अवसर मिलता है वहीं यहां की स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठाने का सौभाग्य भी प्राप्त होता है, इसलिए ऐसे सुअवसर का भरपूर आनंद उठाना चाहिए।
प्रमुख आकर्षण का केंद्र बस्तरिया फैशन शो
चित्रकोट महोत्सव में बस्तरिया जनजातीय परिधानों पर आधारित फैशन शो प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा। दरभा विकासखण्ड के 28 प्रतिभागियों ने बस्तर में प्रमुखता से पाई जाने वाली मुरिया, माड़िया, धुरवा और हल्बा जनजाति द्वारा पहने जाने वाले परिधानों व आभूषणों के साथ रैम्प पर चलकर दर्शकों का मन मोह लिया।
लोकनृत्य और जसगीत ने मोहा मन
चित्रकोट महोत्सव (Chitrakot Festival) के पहले दिन सुकमा के लोकनर्तकों द्वारा मंडई नृत्य, दंतेवाड़ा जिले के कावड़गांव और बस्तर जिले के आंजर के लोकनर्तकों द्वारा गौर नृत्य, लामकेर के लोकनर्तकों द्वारा गेड़ी नृत्य व बकावण्ड के लोकनर्तकों द्वारा ओड़िया कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
इसके साथ ही आनंदिता तिवारी भूमिका साहा ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया, जिनका भरपूर आनंद दर्शकों ने लिया। जसगीत गायिका जसमीत कौर द्वारा भक्ति गीतों की प्रस्तुति तथा रास परब संस्था द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी दर्शकों के मन को लुभाया।