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दुनिया के कोने-कोने में मनाया जाता है बाल दिवस

Children's Day is celebrated in every corner of the world

Children's Day is celebrated in every corner of the world

योगेश कुमार गोयल

Children’s Day is celebrated in every corner of the world: बाल दिवस केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अधिकांश देशों में मनाया जाता है। भारत में बाल दिवस प्रतिवर्ष 14 नवम्बर को मनाया जाता है लेकिन बच्चों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह दिवस 20 नवम्बर को मनाया जाता है।

यह दिवस हमें बच्चों के अधिकारों की वकालत करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है। इस वर्ष यह दिवस ‘प्रत्येक बच्चे के लिए, प्रत्येक अधिकार विषय के साथ मनाया जा रहा है, जो यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर देता है कि सभी बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षा और सुरक्षित वातावरण सहित उनके मौलिक अधिकारों तक पहुंच हो।

वैश्विक स्तर पर इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार करना, उनकी समस्याओं को हल करना, उनके कल्याण के लिए काम करना तथा अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ावा देना है। बाल दिवस दुनियाभर में 190 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है और अनेक देशों में इसे मनाने की तारीखें अलग-अलग हैं। जनवरी माह से लेकर दिसम्बर तक हर माह किसी न किसी देश में बाल दिवस का आयोजन होता है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 20 नवम्बर 1954 को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई थी, जिसका उद्देश्य यही था कि इस विशेष दिन के माध्यम से अलग-अलग देशों के बच्चे एक-दूसरे के साथ जुड़ सकें, जिससे उनके बीच आपसी समझ तथा एकता की भावना मजबूत हो सके।
सर्वप्रथम बाल दिवस जेनेवा के इंटरनेशनल यूनियन फॉर चाइल्ड वेलफेयर के सहयोग से विश्वभर में अक्तूबर 1953 में मनाया गया था। विश्वभर में बाल दिवस मनाए जाने का विचार वी के कृष्ण मेनन का था, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1954 में अपनाया गया था।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्वभर के तमाम देशों से अपील की गई थी कि वे अपनी परम्पराओं, संस्कृति तथा धर्म के अनुसार अपने लिए कोई एक ऐसा दिन सुनिश्चित करें, जो सिर्फ बच्चों को ही समर्पित हो। वैसे तो बाल दिवस मनाए जाने की शुरूआत वर्ष 1925 से ही हो गई थी लेकिन वैश्विक रूप में देखें तो इसे दुनियाभर में मान्यता मिली 1953 में।

दुनियाभर में बाल दिवस के माध्यम से लोगों को बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल मजदूरी इत्यादि बच्चों के अधिकारों के प्रति जगरूक करने का प्रयास किया जाता है। माना जाता है कि सबसे पहले बाल दिवस तुर्की में मनाया गया था। आइए देखते हैं कि दुनियाभर में किन देशों द्वारा कब बाल दिवस मनाया जाता है।

जनवरी के पहले शुक्रवार को बहामास में, 11 जनवरी को ट्यूनिशिया, जनवरी के दूसरे शनिवार को थाईलैंड, फरवरी के दूसरे रविवार कुक द्वीप समूह, नाउरू, निउए, टोकेलौ तथा केमन द्वीप समूह में, 13 फरवरी को म्यांमार, मार्च के पहले रविवार को न्यूजीलैंड, 17 मार्च को बांग्लादेश, 4 अप्रैल को चीनी ताइपे, हांगकांग, 5 अप्रैल को फिलीस्तीन, 12 अप्रैल को बोलिविया तथा हैती, 23 अप्रैल को तुर्की, 30 अप्रैल को मेक्सिको, 5 मई को दक्षिण कोरिया तथा जापान, मई के दूसरे रविवार को स्पेन तथा यूके, 10 मई को मालदीव, 17 मई को नार्वे, 27 मई को नाईजीरिया,

मई के आखरी रविवार को हंगरी, 1 जून को चीन सहित कई देशों में बाल संरक्षण दिवस के रूप में, 1 जुलाई को पाकिस्तान, जुलाई के तीसरे रविवार को क्यूबा, पनामा, वेनेजुएला, 23 जुलाई को इंडोनेशिया, अगस्त के पहले रविवार को उरुग्वे, 16 अगस्त को पैराग्वे, अगस्त के तीसरा रविवार को अर्जेन्टीना तथा पेरू, 9 सितम्बर कोस्टा रीका, 10 सितम्बर को हौण्डुरस, 14 सितम्बर को नेपाल, 20 सितम्बर को आस्ट्रिया तथा जर्मनी, 25 सितम्बर को नीदरलैंड, 1 अक्तूबर को अल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला तथा श्रीलंका, अक्तूबर के पहले बुधवार को चिली, अक्तूबर के पहले शुक्रवार को सिंगापुर, 8 अक्तूबर को ईरान, 12 अक्तूबर को ब्राजील, अक्तूबर के चौथे शनिवार को मलेशिया, अक्तूबर के चौथा रविवार को आस्ट्रेलिया, नवम्बर के पहले शनिवार को दक्षिण अफ्रीका, 20 नवम्बर को अजरबैजान, कनाडा, साइप्रस, मिस्र, इथियोपिया, फिनलैंड, फ्रांस, यूनान, आयरलैंड, इजराइल, केन्या, मैसिडोनिया, नीदरलैंड, फिलीपींस, सर्बिया, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, त्रिनिदाद व टोबेगो, 5 दिसम्बर को सूरीनाम, 23 दिसम्बर को सूडान तथा 25 दिसम्बर कांगो गणराज्य, कैमरून तथा भूमध्यरेखीय गिनी में बाल दिवस का आयोजन किया जाता है।

बहरहाल, अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस पर हमें यह समझने का अवसर प्रदान करता है कि बच्चों का भविष्य उनके आज पर निर्भर करता है, जिसके लिए हमें ही यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, बाल श्रम और शोषण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, बच्चों को उनकी प्रतिभा को निखारने के पर्याप्त अवसर मिलें, उन्हें सुरक्षित, स्वस्थ और पोषित वातावरण उपलब्ध कराया जाए।

भारत में बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कई कानून और योजनाएं लागू हैं, जिनमें बाल श्रम निषेध और विनियमन अधिनियम 1986, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, पॉक्सो एक्ट 2012 प्रमुख रूप से शामिल हैं। मिड-डे मील योजना और आंगनवाड़ी सेवा जैसी योजनाएं भी बच्चों के पोषण और शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अपनी-अपनी सहूलियत के आधार पर विभिन्न देशों द्वारा भले ही अलग-अलग तारीखों पर बाल दिवस मनाया जाता है लेकिन हर जगह बाल दिवस मनाए जाने का मूल उद्देश्य यही है कि इसके जरिये लोगों को बच्चों के अधिकारों तथा सुरक्षा के लिए जागरूक किया जा सके और बच्चों से जुड़े मुद्दों का समाधान किया जा सके।

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