- सरकार के साथ ही आम जनता के बने चहेते
- राज्य के मुख्य सचिव से अन्य ब्यूरोक्रेट्स भी हो रहे परिवर्तित
रायपुर/नवप्रदेश। सादगी (simplicity) , निश्चय में दृढ़ता, अथक परिश्रम, जनता से जुड़ाव और साफ छवि। ये खूबियां छत्तीसगढ़ शासन (chhattisgarh government) के सर्वोच्च प्रशासनिक पद पर आसीन मुख्य सचिव आरपी मंडल (chief secretary rp mandal) की कार्यशैली से साफ झलकती हैं।
वे एक आम आदमी की तरह जीवन व्यतीत करते हैं। मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी के जीवन में ऐसी सादगी (simplicity) का दीदार कम ही होता है।
इसी सादगी व बेदाग छवि व चरित्र के चलते भूपेश सरकार ने इन्हें (chief secretary rp mandal) राज्य प्रशासन के उच्च पद पर बैठाया है।
मंडल भी इस पर खरे साबित हो रहे हैं। अपनी इन बेजोड़ खूबियों से आज आरपी मंडल छत्तीसगढ़ को नए फलक पर ले जाने में राज्य सरकार के प्रयासों को नई उड़ान दे रहे हैं और सरकार (chhattisgarh government) के साथ ही जनता के चहेते बन गए हैं।
यहीं नहीं राज्य के अन्य ब्यूरोक्रेट्स (bureaucrats) भी उनसे सीख लेकर खुद को बदल रहे हैं।
पहले से ही करते आ रहे सरकार व जनता को प्रभावित
बिलासपुर को कस्बे से शहर में किया तब्दील
मंडल शुरू से ही प्रशासनिक पदों पर रहते हुए अपने कार्यों से सरकार को और जनता को प्रभावित करते रहे हैं। जब वे बिलासपुर कलेक्टर थे तो उन्होंने अपने प्रयास से बिलासपुर को कस्बे से शहर में तब्दील कर दिया।
रायपुर की सड़कोंं का चौड़ीकरण कराया
रायपुर कलेक्टर बने तो बड़े स्तर पर शहर की सड़कों का चौड़ीकरण कराया। यदि तब चौड़ीकरण नहीं होता राजधानी में यातायात व्यवस्था में पेशानी आ सकती थी।
कार्यकुशलता ऐसी कि मंदी में भी मजबूती
अब भूपेश सरकार में मुख्य सचिव हैं तो आर्थिक मंदी जैसी स्थिति में अपनी कार्यकुशलता और दृढ़ता से छत्तीसगढ़ को ऊपर उठाने में अहम किरदार अदा कर रहे हैं। मंडल की सादगी और ईमानदारी से प्रदेश के अन्य ब्यूरोक्रेट्स भी प्रभावित हो रहे हैं। वे मंडल के प्रभावशाली व्यक्तित्व और कृतित्व से परिवर्तित हो रहे हैं। प्रशासनिक कसावट में प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया का यह बर्ताव निश्चित ही प्रदेश व जनता के भी हित में है।
जनता से जुड़ाव का तरीका भी नायाब
जनता से जुड़ाव की बात की जाए तो मुख्य सचिव मंडल रोज सुबह जनता के बीच घूमते हैं। उनकी समस्याओं को सुनते हैं और निराकरण करने का प्रयास करते हैं। साफ-सफाई जैसे मुद्दों पर भी वे बखूबी ध्यान देते हैं। वे आज भी स्कूटर से घूमते हैं। लिहाजा अफसरों को भी टू व्हीलर से ही उनके साथ होना होता है।
देश के ब्यूरोक्रेट्स के लिए भी उदाहरण
देश के ब्यूरोक्रेट्स को आरपी मंडल से सीख लेनी चाहिए। खासकर उन्हें जिनके मन मस्तिष्क व आंखों पर पैसे व पद के पॉवर का अहंकार छा जाता है। जिससे उन्हें आम इंसान दिखाई नहीं देते। मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को भी मंडल से सीख लेनी चाहिए, ताकि कमलनाथ सरकार की छवि भी देदीप्यमान हो सके। ऐसे मुख्य सचिव जो एसी कमरों में न बैठकर जमीनी हकीकत को देखकर योजनाएं बनाते हैंं उनकी योजनाएं जरूर सार्थक होती है।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की सफलता में रही बड़ी भूमिका
हाल ही में प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया। इस महोत्सव में शासन का एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ। आरपी मंडल ने अपने प्रयासों से एनएमडीसी की मदद ली और पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन कराया।
इस महोत्सव की सफलता का बड़ा श्रेय आरपी मंडल को भी जाता है। महोत्सव में 6 देशों के आदिवासी कलाकारों ने भाग लिया था। महोत्सव में जनता ने भी काफी योगदान दिया था। वर्तमान परिदृश्य में बहुत कम देखने को मिलता है कि प्रदेश शासन के उच्च अधिकारी ऐसे कार्यों में रुचि लेकर शासन की आर्थिक बचत करवाते हैं। निश्चित ही मंडल के कार्यों से सरकार भी प्रभावित है और जनता भी।