Chicken pox or measles: यह एक बहुत तीव्र संक्रमक ज्वर है। यह रोग ऋतु परिवर्तन के समय खासकर वसन्त और शरद ऋतुओं में फैलता है। आयुर्वेद में इस रोग को शामांतिका कहा जाता है।
आरम्भ में रोगी को खांसी जुकाम या तीव्र ज्वर होता है। नेत्र लाल हो जाते हैं। बहुत अधिक तंद्रा, अरूचि तथा अतिसार (दस्त) जैसे उपद्रव दिखायी देते हैं। (Chicken pox or measles)
चेचक या खसरे का उपचार
– Chicken pox or measles: तीन तुलसी की पत्तियों और तीन काली मिर्चों को तीन वताशे या दस ग्राम मिश्री दो कप पानी में डालकर उबालें। आधा कप रह जाने पर गरम-गरम पीकर वदन ढककर दस मिनट बच्चे को लिटायें। किसी भी प्रकार के ज्वर में रामबाण है।
– इस रोग का असर अधिकतर बच्चों पर ही होता है। इससे बचाव उपचार देने के लिए प्रबाल पिष्टी नामक औषधि बहुत उपयोगी है।
– प्यास अत्यधिक सता रही हो तो तीन-चार चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में एक घंटा भिगोकर वह पानी घूट-बूंट पीने को दें। इस रोग में रोगी को बहुत हल्का भोजन ही खाने को देना चाहिए। जैसे-जौ का दलिया, फलों का रस आदि।
– तीन तुलसी की पत्तियां, दो काली मिर्च, दस ग्राम पानी में पीसकर आयु को ध्यान में रखते हुए दें। मिठास के बिना काम न चले तो दस ग्राम मिश्री का चूर्ण डाल सकते हैं। आवश्यकतानुसार दो दिन से सात दिन तक पिलाएं। रोगी को ठंडी हवा और बारिश से बचाकर रखना चाहिए। इस रोग के दौरान स्नान करना तो एकदम मना है । (Chicken pox or measles)
note: यह उपचार इंटरनेट के माध्यम से संकलित हैं कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही उपाय करें ।