छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आज महाविद्यालय के हिंदी विभाग (Chhattisgarhi Rajbhasha Diwas) द्वारा विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी साहित्यकारों पर केंद्रित विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिनमें छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. शशिकला सिन्हा ने की। अपने उद्बोधन में उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा को प्रदेश की संस्कृति और सभ्यता की पहचान बताते हुए इसके संरक्षण और संवर्धन पर बल दिया।
कार्यक्रम में डॉ. इसाबेला लकड़ा ने विषय प्रवर्तन करते हुए छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के महत्व और औचित्य पर प्रकाश डाला। प्रमुख वक्ता डॉ. अर्चना शुक्ला (प्राध्यापक—समाजशास्त्र) ने छात्राओं को छत्तीसगढ़ी भाषा के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ी भाषा के महत्व को भी विस्तार से बताया।
डॉ. शोभा मिनज ने छत्तीसगढ़ी गीत “नान-नान लइका, हम बड़े काम करबो” प्रस्तुत कर छात्राओं को राष्ट्रहित और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति प्रेरित किया।
प्रतियोगिताओं के परिणाम
लोकगीत प्रतियोगिता
प्रथम – सिया वैष्णव
द्वितीय – मनीषा ठाकुर
तृतीय – अंकिता यादव
काव्य पाठ प्रतियोगिता
प्रथम – उर्मिला खरे
द्वितीय – छाया साहू
तृतीय – छाया चौहान एवं अरुणा सूर्यवंशी (संयुक्त)
साहित्यकारों का अवदान प्रतियोगिता
प्रथम – कल्याणी सूर्यवंशी
द्वितीय – मुस्कान यादव
तृतीय – रागिनी वर्मा
कार्यक्रम का संचालन सुश्री खगेश्वरी साहू ने किया तथा आभार ज्ञापन डॉ. इसाबेला लकड़ा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. आरती सिंह ठाकुर, डॉ. दीपक शुक्ला, डॉ. अनुराधा तिर्की, डॉ. ललिता साहू, डॉ. वंदना राठौर, डॉ. रश्मि जैन, डॉ. आर. के. पटेल, डॉ. एल. के. पटेल, डॉ. दीपिका महोबिया, श्री आनंद कुमार, भरतदास मानिकपुरी, पुनीत, आरती राठौर सहित बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित रहीं।

