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Chhattisgarh Women Commission : बस्तर की बेटी को बंदूक नहीं…किताब चाहिए : दीपिका

रायपुर, नवप्रदेश, 9 जून। Chhattisgarh Women Commission : “बस्तर में अब बंदूक नहीं, किताबें चाहिए”—यह कहना है छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य दीपिका सोरी का, जिन्होंने बस्तर को नक्सल मुक्त और सशक्त महिला नेतृत्व वाला क्षेत्र बनाने की वकालत की है। उन्होंने दैनिक नवप्रदेश से खास बातचीत में कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में महिला शिक्षा को अनिवार्य किया जाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यही जागरूकता की पहली सीढ़ी है।

दीपिका सोरी का मानना है कि बस्तर की सबसे बड़ी समस्या राजनीतिक दिखावटी जागरूकता रही है, न कि वास्तविक सामाजिक सशक्तिकरण। “जो भी हुआ वह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति थी। आज जरूरत है कि महिलाएं स्वयं अग्रिम पंक्ति में आएं और अपने अधिकारों को ()Chhattisgarh Women Commissionपहचानें,” उन्होंने कहा।

धर्मांतरण की जड़ में लालच, समाधान शिक्षा

दीपिका ने धर्मांतरण के सवाल पर भी दो टूक कहा—”धर्मांतरण की जड़ लालच है, और इसका स्थायी समाधान महिला शिक्षा और सामाजिक जागरूकता में है।” उन्होंने यह भी बताया कि खुद उनके परिवार ने शिक्षा को प्राथमिकता दी, तभी वे आज कानून की पढ़ाई कर (Chhattisgarh Women Commission)सकीं और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ पा रही हैं।

महिला आयोग का काम प्रभावशाली, कोई केस पेंडिंग नहीं

उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य महिला आयोग दलगत राजनीति से परे, निष्पक्ष और संवेदनशील कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि आयोग के पास फिलहाल कोई पेंडिंग केस नहीं है, और कई मामलों में सिर्फ एक काउंसलिंग से पति-पत्नी फिर से एक हो गए।

पुरुष आयोग की संभावना पर खुला रुख

जब उनसे पूछा गया कि क्या पुरुषों के लिए भी आयोग की आवश्यकता है, तो उन्होंने कहा—”अगर सरकार को लगेगा तो वह भी हो सकता (Chhattisgarh Women Commission)है। यह पूरी तरह से सरकारी फैसला है।”

ग्रामीण और शहरी मामलों में कोई फर्क नहीं

दीपिका सोरी ने बताया कि आज ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मामलों की प्रकृति में ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। “दहेज, प्रताड़ना और नशाखोरी के मामले हर जगह सामान्य हैं,” उन्होंने कहा।

सुलभ शिकायत प्रक्रिया, ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध

महिला आयोग में सीधे शिकायत की जा सकती है। आज की डिजिटल व्यवस्था में महिलाएं ऑनलाइन भी शिकायत दर्ज कर सकती हैं। आयोग स्वयं भी संज्ञान लेकर कार्रवाई करता है।

नया बस्तर, नई इबारत

दीपिका सोरी का मानना है कि अब बस्तर एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। “नक्सलवाद के खात्मे के साथ बस्तर नई इबारत लिखेगा। यहां की महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और देश-दुनिया में बस्तर का नाम रोशन करेंगी।”

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