छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम एक दर्दनाक रेल हादसा हुआ। जयरामनगर और गोतरा स्टेशन के बीच चल रही गेवरा रोड-बिलासपुर मेमू पैसेंजर ट्रेन (68733) खड़ी मालगाड़ी (Chhattisgarh Train Accident) में जा घुसी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेन का इंजन पूरी तरह चकनाचूर हो गया। इस भीषण हादसे में 10 लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि 25 से अधिक यात्री घायल बताए जा रहे हैं।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि पैसेंजर ट्रेन ने लाल सिग्नल पार किया था, जो इस हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि ट्रेन की गति उस समय निर्धारित सीमा (15 किमी/घं.) से चार गुना अधिक यानी लगभग 60-70 किमी/घं. थी।
लोको पायलट की दर्दनाक मौत, महिला पायलट ने कूदकर बचाई जान
हादसे में ट्रेन के लोको पायलट विद्यासागर की मौत हो गई। उनका शव इंजन में बुरी तरह फंस गया था, जिसे गैस कटर से काटकर निकाला गया। विद्यासागर वाराणसी के निवासी थे। उनके साथ चल रही महिला लोको पायलट रश्मि राज ने हादसे से ठीक पहले कूदकर (Chhattisgarh Train Accident) अपनी जान बचा ली। उन्हें और मालगाड़ी के गार्ड शैलेश चंद्र को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के अनुसार, रश्मि फिलहाल बोलने की स्थिति में नहीं हैं और उनके बयान से ही हादसे के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।
घायलों का इलाज जारी, सहायता राशि घोषित
रेलवे और राज्य प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को रेलवे अस्पताल, सिम्स और जिला अस्पताल बिलासपुर में भर्ती कराया गया है।
सरकार की ओर से मुआवजे की घोषणा करते हुए मृतकों के परिजनों को 15 लाख रुपये (रेलवे से 10 लाख और राज्य सरकार से 5 लाख) की सहायता दी जाएगी। गंभीर घायलों को 5 लाख, जबकि सामान्य रूप से घायल यात्रियों को 1 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने घटना को “बेहद दुखद” बताया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
इस दुर्घटना ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रेलवे हाल के वर्षों में ‘कवच सिस्टम’ लागू कर रहा है, जो ट्रेन टकराव की स्थिति में स्वचालित ब्रेक लगाता है। लेकिन बिलासपुर डिवीजन में यह तकनीक अभी पूरी तरह लागू नहीं हुई है।
तीन घंटे तक ठप रहा रेल संचालन
हादसे के बाद हावड़ा-मुंबई अप लाइन, डाउन लाइन, और दो अन्य ट्रैक्स को बंद कर दिया गया। आसपास की सात ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोकना पड़ा। तीन घंटे की मशक्कत के बाद रात सात बजे डाउन लाइन को बहाल किया गया और क्रमवार ट्रेनों को रवाना किया गया। गोंडवाना एक्सप्रेस को सबसे पहले भेजा गया।
सुरक्षा प्रणाली पर उठे सवाल
आशंका है कि लोको पायलट ने ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम की अनदेखी (Chhattisgarh Train Accident) की और अधिक गति में ट्रेन चला दी। राहत ट्रेन मौके पर देर से पहुंची और अंधेरे में बचाव कार्य बाधित होता रहा। बाद में प्रकाश की व्यवस्था कर कार्य दोबारा शुरू किया गया।
आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर
बिलासपुर: 7777857335, 7869953330
चांपा: 8085956528
रायगढ़: 9752485600
पेंड्रा रोड: 8294730162
कोरबा: 7869953330
उसलापुर: 7777857338
2025 में अब तक के प्रमुख रेल हादसे
1 अप्रैल: झारखंड के साहेबगंज में दो मालगाड़ियों की टक्कर, दो की मौत, चार घायल।
20 जून: कटिहार में अवध असम एक्सप्रेस रेलवे ट्रॉली से टकराई, एक की मौत, चार रेलकर्मी घायल।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख रेल हादसे
5 मार्च 2004: कोरिया जिले में बिश्रामपुर-बिलासपुर पैसेंजर ट्रेन के सात डिब्बे पटरी से उतरे, एक की मौत, 100 से अधिक घायल।
26 नवंबर 2024: बिलासपुर-कटनी रेलखंड पर मालगाड़ी के 22 डिब्बे पटरी से उतरे, हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई।

