रायपुर, 28 जून| Chhattisgarh Tourism In Monsoon : मानसून आते ही छत्तीसगढ़ की वादियां जैसे हरियाली की चादर ओढ़ लेती हैं, और यह दृश्य देशभर के सैलानियों को अपनी ओर खींच रहा है। झरनों की गूंज, पहाड़ियों की ठंडी हवा और जनजातीय संस्कृति की रंगत—इन सबके संगम ने छत्तीसगढ़ को इस मौसम का “नेचर टूरिज्म हॉटस्पॉट” बना दिया है।
बस्तर सबसे आगे, कवर्धा ने भी मोहा मन
2021 से 2025 के बीच के आंकड़ों पर नज़र डालें तो बस्तर सबसे लोकप्रिय गंतव्य बनकर उभरा है। अब तक यहां 20,000 से अधिक पर्यटक पहुंच चुके (Chhattisgarh Tourism In Monsoon)हैं। वहीं, कवर्धा के झरनों और पहाड़ियों ने 15,000+ पर्यटकों को आकर्षित किया है।
टूरिज्म बोर्ड के रिसॉर्ट्स में रहा खास आकर्षण
84590 से ज्यादा पर्यटकों ने टूरिज्म बोर्ड के रिसॉर्ट्स में रुककर छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नजदीक से महसूस किया।
परंपरागत भोजन, नृत्य और संगीत से मिली लोकसंस्कृति की झलक।
23 रिसॉर्ट्स में से 13 का संचालन सीधे पर्यटन विभाग द्वारा किया जा रहा है, जबकि 10 निजी प्रबंधन में हैं।
ये रिसॉर्ट्स बन रहे हैं टूरिस्ट मैगनेट
धनमती रिसॉर्ट, चित्रकोट
बैगा इथनिक रिसॉर्ट, कवर्धा
सैला टूरिस्ट रिसॉर्ट, मैनपाट
हरेली इको रिसॉर्ट, बारनवापारा
इन स्थलों ने मानसून में पर्यटकों के लिए एक नई दुनिया का द्वार खोला (Chhattisgarh Tourism In Monsoon)है – शांति, रोमांच और संस्कृति का संपूर्ण अनुभव।
राजस्व भी रिकॉर्ड तोड़
बीते पांच वर्षों में पर्यटन से 11.68 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व राज्य सरकार को प्राप्त हुआ। यह पर्यटन विकास और स्थानीय रोजगार दोनों को बल देने वाला आंकड़ा है।
सोशल मीडिया बना प्रचार का नया जरिया
पर्यटन विभाग ने सोशल मीडिया प्रचार, राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी और डिजिटल कैंपेन के जरिए छत्तीसगढ़ को देशभर में एक पर्यटन ब्रांड की तरह पेश किया (Chhattisgarh Tourism In Monsoon)है।
मानसून में क्या है छत्तीसगढ़ की खासियत?
हरियाली से लदे जंगल
रोमांचक ट्रैकिंग और झरने
जनजातीय कला और संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन
ठंडी जलवायु और प्राकृतिक शांति