आयुर्वेद चिकित्सकों से अपना प्रकृति परीक्षण करवाने का सीएम ने की अपील
4 लाख से अधिक लोगों का हुआ प्रकृति परीक्षण
रायपुर/नवप्रदेश। Government of India Ministry of AYUSH भारत सरकार आयुष मंत्रालय द्वारा देश में चलाए जा रहे आयुर्वेदीय देश का प्रकृति परीक्षण अभियान के प्रथम चरण का समापन कल 25 दिसंबर को जशपुर के कुनकुरी में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को उनके प्रकृति परीक्षण उपरांत प्राप्त प्रकृति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस अभियान के तहत मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा देश के एक करोड़ नागरिकों के आयुर्वेद सिद्धांत अनुसार प्रकृति (वात-पित्त-कफ) का विश्लेषण करने का लक्ष्य रखा गया था। इसके तहत एक करोड़ 30 लाख नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया गया।
इस स्थान पर पहुंचा छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ राज्य में आयुर्वेद पद्धति से जुड़े 3,547 शिक्षकों, चिकित्सकों और छात्रों ने 4 लाख 45 हजार से अधिक नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य प्रकृति परीक्षण के आंकड़ों के मुताबिक देश में नौंवे स्थान पर तथा लॉगिन वालिंटियर्स द्वारा किए गए कुल प्रकृति परीक्षण यानि स्ट्राइक रेट के मानक में तीसरे स्थान पर रहा।
सीएम साय ने बताया इसका महत्व
मुख्यमंत्री ने समारोह में उपस्थित जनसमुदाय से आधुनिक जीवनशैली और खान-पान के कारण बढ़ते गैर संचारी रोगों के प्रसार के रोकथाम हेतु आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति अपनाने पर जोर देते हुए लोगों से आयुर्वेद महाविद्यालयों, चिकित्सालयों, औषधालयों एवं आयुर्वेद चिकित्सकों से अपना प्रकृति परीक्षण करवाने का अनुरोध किया।
इस अवसर ये रहे मौजूद
इस अवसर पर संयुक्त संचालक आयुष डॉ. सुनील दास द्वारा विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए इस अभियान के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर अभियान के राज्य समन्वयक और आयुर्वेद, यूनानी और प्राकृतिक चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार डॉ. संजय शुक्ला, महाविद्यालय समन्वयक डॉ.ओपी. राउत तथा जशपुर के जिला आयुष अधिकारी डॉ. भुवनेश्वर पैकरा भी उपस्थित थे। डॉ संजय शुक्ला ने बताया कि आगामी जनवरी माह में इस अभियान के अंतर्गत प्रथम और द्वितीय क्रम में सर्वाधिक प्रकृति परीक्षण करने वाले आयुर्वेद महाविद्यालयों, शिक्षकों, छात्रों , जिलों,आयुर्वेद अधिकारियों एवं निजी चिकित्सकों को परिषद द्वारा सम्मानित किया जाएगा।