Chhattisgarh School Children Risk : शिक्षा पाने का जज्बा जब हालातों से बड़ा हो जाए, तो बच्चे जान जोखिम में डालकर भी किताबों तक पहुंच ही जाते हैं। दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के ग्राम मुड़पार में हर साल बारिश के दिनों में यही तस्वीर सामने आती है। गांव में पूर्व माध्यमिक शाला नहीं है, इसलिए बच्चों को दो किलोमीटर दूर घोटवानी गांव स्कूल जाना पड़ता है। लेकिन रास्ते में पड़ने वाला मुड़पार नाला बरसात में उफान पर होता है और उसका पुलिया कई दिनों तक डूबा रहता है।
गुरुवार को भी यही हुआ। रात की बारिश के बाद पुलिया पानी में डूब गया। तेज बहाव के बावजूद 80 से ज्यादा बच्चे उसी रास्ते से स्कूल(Chhattisgarh School Children Risk) पहुंचे। कई बच्चों की साइकिलें बह चुकी हैं और अभिभावक रोज डर के साए में उन्हें स्कूल भेजते हैं। कुछ तो मजबूरी में पढ़ाई अधूरी छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं।
ग्राम पंचायत भाटाकोकड़ी के अंतर्गत आने वाले मुड़पार गांव में आज भी न पक्की सड़क है और न सुरक्षित पुलिया। हर साल बारिश के मौसम में गांव पूरी तरह कट जाता है न एंबुलेंस पहुंच पाती है, न कोई अन्य वाहन।
स्थिति की जानकारी मिलने पर प्रशासन ने पुलिया पर निगरानी के लिए राजस्व विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है और बेरिकेटिंग कर रास्ता बंद किया गया(Chhattisgarh School Children Risk) है। लेकिन सवाल अब भी वहीं है—कब तक शिक्षा पाने की राह इन मासूमों के लिए जानलेवा बनी रहेगी?