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प्रदेश में सीआरपीएफ के आईजी पद पर तैनात अफसर ने ही की सिफारिश
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लो मेडिकल केस वर्ग के जवान होंगे प्रभावित
रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) समेत अन्य राज्यों के नक्सल प्रभावित (naxal affected) इलाकों व जम्मू कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ जवानों (crpf personnel) को मिलने वाला हाई रिस्क व हार्डशिप अलाउंस अब छिनने जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब उन जवानों को यह भत्ता नहीं दिए जाने की सिफारिश की गई है, जो कुछ शारीरिक व्याधियों से गुजर रहे हैं।
यह सिफारिश किसी और ने नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में ही सीआरपीएफ महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर तैनात जीएचपी राजू ने की है। उन्होंने इस संबंध में सीआरपीएफ के सभी आईजी, एसडीजी व एडीजी को पत्र लिखा है। राजू ने अपने पत्र में लिखा है कि ऐसे जवान जो लो मेडिकल केस (एलएमसी) से जूझ रहे हैं, उन्हेंं दिया जाने वाला हाई रिस्क व हार्डशिप अलाउंस रोक दिया जाए। एक वरिष्ठ सीआरपीएफ अधिकारी के मुताबिक दृष्टि व श्रवण बाधिता, डायबिटीज, अस्थमा व अन्य मानसिक रोगों से जूझ रहे जवानों को एलएमसी कैटेगरी में रखा जाता है।
फरवरी माह में की थी बढ़ोतरी
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित (naxal affected) क्षेत्रों व जम्मू कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ जवानों केे लिए हाई रिस्क व हार्डशिप अलाउंस में पुलवामा हमले के बाद फरवरी माह में बढ़ोतरी की थी। इंस्पेक्टर रैंक तक के के लिए यह भत्ता बढ़ाकर 17&00 रुपए व इससे ऊपर केे अधिकारियों के लिए 25000 रुपए प्रति माह कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
ये सुझाव भी दिया आईजी ने
हालांकि आईजी राजू ने अपने पत्र में स्पेशल ऑपरेशन जोन (एसओजेड) से एलएमसी वर्ग के जवानों को वापस बुलाने का भी सुझाव दिया है। एसओजेड ऐसे क्षेत्र होते हैं, जहां सीआरपीएफ जवानों को उच्च स्तर की सतर्कता बरतनी पड़ती है। यहां जवानों को युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना पड़ता है। जिसकी वजह से ऐसे क्षेत्र में जवानों के उच्च स्तरीय फिटनेस की जरूरत होती है।