खबर में प्रकाशित सूची का हवाला देकर कहा- नाबालिग बच्चों का धैर्य दे रहा जवाब
अभिभावकों ने इस पहल के लिए नवप्रदेश को कहा धन्यवाद
रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के दूसरे राज्यों में फंसे नवोदय विद्यालय (navodaya vidyalaya student stuck in other state) के नाबालिग छात्रों की वापसी को लेकर नवप्रदेश के प्रिंट व डिजिटल एडिशन में प्रकाशित खबरों को राज्यसभा सांसद छाया वर्मा (mp chhaya verma writes to hrd minister) ने गंभीरता से लिया है।
उन्होंने इन छात्रों की छत्तीसगढ़ वापसी व छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के नवोदय विद्यालय (navodaya vidyalaya student stuck in other state) में फंसे अन्य राज्यों के छात्रों को उनके राज्यों में भेजने की व्यवस्था करने का आग्रह करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को पत्र लिखा है।
इसमें वर्मा (mp chhaya verma writes to hrd minister) ने नवप्रदेश के डिजिटल एडिशन में 26 अप्रैल को ‘कोटा वाले आ रहे, पर 4 अन्य राज्यों में भी फंसे छग के 130 बच्चे, लिस्ट’ शीर्षक से प्रकाशित खबर के आंकड़ों का हवाला दिया है। और केंद्रीय मंत्री से कहा है कि इन नाबालिग बच्चों का धैर्य जवाब दे रहा है।
संबंधित विभागों से दिलवाए अनुमति
उन्होंने इनकी घर वापसी की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। वर्मा ने केंद्रीय मंत्री से इन नाबालिग बच्चों की घर वापसी के लिए संबंधित विभागों से अनुमति दिलवाने का आग्रह किया है। वहीं फंसे बच्चों के अभिभावक भी नवप्रदेश को इस पहल के लिए धन्यवाद दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नवप्रदेश ने 24 अप्रैल को अपने प्रिंट एडिशन में ‘कोटा ही क्यों, अन्य राज्यों में पढऩे गए नाबालिग छात्रों की कौन लेगा सुध’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिन चार राजयों में प्रदेश के छात्र फंसे हैं उनमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम व पश्चिम बंगाल हैं।
छत्तीसगढ़ के 130 बच्चे फंसे हैं चार राज्यों में
छत्तीसगढ़ के नवोदय विद्यालयों के 130 बच्चे अब भी अन्य राज्यों के नवोदय स्कूलों में फंसे हुए हैं। वहीं दूसरे राज्यों के भी 114 बच्चे भी छत्तीसगढ़ स्थित नवोदय विद्यालयों में फंसे हैं। खास बातचीत में नवप्रदेश को यह जानकारी नवोदय विद्यालय समिति के डिप्टी कमिश्नर पीएस सरदार ने दी। सरदार ने बताया कि केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इन बच्चों को उनके माता-पिता तक पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
लेकिन राज्य सरकारों को भी चाहिए कि वे भी अपने स्तर पर प्रयास करें। ये वक्त क्षेत्राधिकार देखने का नहीं, जैसी भी व्यवस्था हो बच्चों को वापस लाने के बारे में सोचना चाहिए। कोटा से ज्यादा इन छात्रों की चिंता करना इसलिए ज्यादा जरूरी है क्योंकि ये विद्यार्थी नाबालिग हैं।
अब राज्य सरकारों को ही आना होगा आगे
नवोदय विद्यालय समिति के डिप्टी कमिश्नर पीएस सरदार ने बताया कि देशभर के नवोदय विद्यालयों में फंसे बच्चों को ट्रेन से उनके गंतव्य तक भेजने के लिए 5-7 रूट का प्रपोजल समिति की ओर से मानव संसाधन विकास मंंत्रालय की ओर से रेलवे व पीएमओ को भेजा जा चुका है। लेकिन करीब 3-4 दिन बीत जाने के बावजूद भी रविवार तक की स्थिति में यह स्वीकार नहीं किया गया है।
इसलिए अब राज्य सरकारों को ही आगे आना होगा। सरदार ने कहा कि कलेक्टर नवोदय विद्यालयों के चेयरमैन होते हैं। इसलिए संभावना इस बात की ज्यादा है कि उन्हें ही संबंधित विद्यालयों से बच्चों को भेजने व लाने के लिए बसों की व्यवस्था करनी होगी। राज्य सरकार को संबंधित कलेक्टरों को इसकी अनुमति देनी चाहिए। बसों का खर्च नवोदय विद्यालय समिति उठाएगी।
जानें, छग के किस जिले के नवोदय विद्यालय के कितने बच्चे कहां फंसे
जिला-फंसे बच्चों की संख्या-यहां फंसे
राजनांदगांव- 24-प्रकाशम आंध्र प्रदेश
सूरजजपुर-12- असम
कोरिया-10- आंध्र प्रदेश
रायपुर-24- कर्नाटक
महासमुंद-23- कर्नाटक
कबीरधाम- 25- पश्चिम बंगाल
दूसरे राज्यों के छग में फंसे बच्चों की संख्या
राज्य-संख्या- यहां फंसे
आंध्र प्रदेश-11-कोरिया
आंध्र प्रदेश-21-दुर्ग
कर्नाटक-24-महासमुंद
पश्चिम बंगाल-24-कबीरधाम
कर्नाटक- 22-रायपुर
असम-12-सूरजपुर
आज सीएस मंडल भी लिख सकते हैं केंद्र को खत : सांसद वर्मा
मैंने छत्तीसगढ़ के नवोदय विद्यालयों के दूसरे राज्यों में फंसे बच्चों को वापस लाने व छत्तीसगढ़ के विद्यालयों में फंसे बच्चों को उनके राज्यों में भेजने के साथ देशभर के ऐसे बच्चों को उनके अभिभावकों तक पहुंचाने का आग्रह करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा है। मैंने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव आरपी मंडल को इस पत्र से अवगत कराया है। मुख्य सचिव ने कहा है कि उनकी ओर से भी सोमवार को बच्चों की वापसी को लेकर केंद्र को पत्र लिखा जाएगा।
-छाया वर्मा, राज्यसभा सांसद, छग
नवप्रदेश कर रहा काबिले तारीफ काम
इस मामले में नवप्रदेश काबिले तारीफ काम कर रहा है। नवप्रदेश की प्रयासों अब दूसरे राज्यों में फंसे मेरे बच्चे के साथ ही छत्तीसगढ़ के अन्य बच्चों के जल्द घर आने की उम्मीद जगी है।
–चेतन सिंह क्षत्रिय, कसडोल (कर्नाटक के नवोदय विद्यालय में फंसे एक छात्र के पिता)
हम चाहते हैं जल्द से जल्द लौटें सभी
बच्चों के अभिभावकों को आवेदन करना चाहिए। हम भी सतत् दबाव बनाए हुए हैं। हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ के अन्य राज्यों में जितने भी छात्र व मजदूर फंसे हैं वे सभी जल्द से जल्द प्रदेश लौट आए। –सुनील सोनी, सांसद, रायपुर
ऐसी स्थिति में माता-पिता के साथ ही जरूरी
हम बच्चों को खुश रखने का पूरा प्रयास कर रहे हैं । लेकिन मौजूदा परिस्थितियों व उनकी उम्र के लिहाज से वे माता-पिता के पास रहकर उन्हें आत्मिक खुशी मिल सकती है। इन बच्चों की वापसी को लेकर नवप्रदेश अपनी लेखनी के माध्यम से अच्छे प्रयास कर रहा है। मैं कल फिर रायपुर कलेक्टर से मिलकर इन बच्चों की वापसी के लिए बात करूंगा। हमारे बच्चे कर्नाटक के शिमोगा में हैं। हमारा प्लान है कि हम हैदराबाद तक जाए और शिमोगा से बच्चे हैदराबाद तक आ जाएं। वहां हम एक्सचैंज कर लेंगे। -यूपी पाणी, प्राचार्य, नवोदय विद्यालय, माना कैंप रायपुर