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Chhattisgarh Liquor Scam : शराब से सट्टा और कोयले तक…चैतन्य की गिरफ्तारी ने खोले ‘करप्शन कैपिटल’ के काले पन्ने…

Chhattisgarh Liquor Scam

Chhattisgarh Liquor Scam

Chhattisgarh Liquor Scam : छत्तीसगढ़ में 3,200 करोड़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की परतें अब तेजी से खुल रही हैं। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में बड़ा मोड़ आया है  अब 22 आबकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। हाईकोर्ट से इन अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज होने के बाद यह साफ हो गया है कि अगला नंबर किसका हो सकता है।

इस घोटाले की कड़ियाँ सिर्फ एक विभाग तक सीमित नहीं रहीं -अब कोयला, सट्टेबाजी, और प्रशासनिक मिलीभगत के सबूत भी सामने आ रहे हैं। सत्ता के गलियारों में बेचैनी है, और सत्ता से बाहर वालों के पास कहने को काफी कुछ।

ईडी की तेजी Vs राज्य एजेंसियों की चुप्पी

एक तरफ ईडी ने चैतन्य की गिरफ्तारी के साथ बड़े नेटवर्क(Chhattisgarh Liquor Scam) की चाभी हाथ में ले ली है, वहीं राज्य की जांच एजेंसियों की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य स्तरीय एजेंसियां ‘ऊपरी दबाव’ में निष्क्रिय बनी हुई हैं, जबकि ईडी अब सीधे सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने की तैयारी में है।

क्या पूर्व मुख्यमंत्री अगला निशाना हैं?

सूत्रों के मुताबिक चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद जांच की लकीर पूर्व मुख्यमंत्री तक आ पहुंची है। ईडी की कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। अब सवाल यह नहीं है कि अगला कौन होगा, बल्कि यह है कि कब और कितने लोग एक साथ गिरेंगे?

कोयला घोटाला: धुएं से निकली राजनीति की राख

570 करोड़ के कोयला घोटाले(Chhattisgarh Liquor Scam) में ईडी के हाथ अब कई ऐसे दस्तावेज लगे हैं जो स्पष्ट रूप से एक “सिंडिकेट ऑपरेशन” की पुष्टि करते हैं। इसमें राजनीतिक नेताओं, आईएएस अधिकारियों और कुछ बड़े कारोबारियों के नाम सामने आ चुके हैं।

महादेव सट्टा एप: हाई-टेक ठगी का हाई-प्रोफाइल गिरोह

महादेव सट्टा एप मामले में अब CBI की एंट्री हो चुकी है। 21 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री, कारोबारी, पुलिस अधिकारी और कथित सट्टा किंग्स शामिल हैं। यह केस अब सिर्फ ऑनलाइन सट्टेबाजी का नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग और राजनीतिक फंडिंग की दिशा में बढ़ रहा है।

IPS अफसर भी घेरे में

जिन पुलिस अधिकारियों के ठिकानों पर ईडी और अन्य एजेंसियों ने छापेमारी की है, उनमें कई नामी अफसर शामिल हैं – आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव, आरिफ शेख और प्रशांत अग्रवाल जैसे अधिकारियों के नाम जांच की फाइलों में दर्ज हो चुके हैं।

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