दंतेवाड़ा /नवप्रदेश। प्रदेश (chhattisgarh khel gadhiya yojana) के सरकारी स्कूलों के बच्चों में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई खेल गढिय़ा योजना दंतेवाड़ा (dantwada irregularities in kehl gadhiya yojana) जिले में अनियमितता की शिकार होती जा रही है। जो खेल सामग्री जिले के स्कूलों के प्राचार्यों द्वारा खरीदी जानी थी, उसे कोई और ही खरीदवाकर स्कूलों में जबरन सप्लाई कर रहा है।
ये सामग्री निम्न दर्जे की बताई जा रही है। प्राचार्यों की मानें तो ये सप्लाई कौन कर रहा है इसके बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं है। बस उनके द्वारा संबंधित संकूलों में सप्लाई की गई खेल सामग्री के लिए राशि जमा कराई जा रही है। यह भी आरोप है कि जिले की प्राथमिक माध्यमिक शालाओं में सप्लाई की जा रही ये सामग्री घटिया दर्ज की है।
अब तक 188 स्कूलों में सप्लाई
प्राप्त जानकारी अनुसार अब तक दंतेवाड़ा (dantwada irregularities in kehl gadhiya yojana) जिले के 188 स्कूलों में नियमों को धता बताकर ये खेल सामग्रियां पहुंचाई जा चुकी है। बहरहाल कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा को इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने सप्लाई पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने जांच बिठाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से मामले की रिपोर्ट भी तलब की है। गौरतलब है कि शासन की ओर जिले के सभी प्राथमिक, माध्यमिक व हाई/हायर सेकेंडरी स्कूलों के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से खेल सामग्री की खरीद के लिए राशि डाल दी गई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि स्कूलों को पैसा दिए जाने के बाद भी खेल सामग्रियां कैसे सप्लाई हो रही है।
बिल पर जिस दुकान का नाम वह दंतेवाड़ा में नहीं
स्कूलों में भेजी जा रही खेल किट पर जिस दुकान का नाम उल्लेखित है उस नाम से कोई दुकान नहीं है। बिल में जो पिन नंबर अंकित है वह कोंडागांव का है।
पांच से 25 हजार तक मिली है स्कूलों को राशि
बता दें कि प्रदेश (chhattisgarh khel gadhiya yojana) स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2019-20 में खेल गढिय़ा योजना के तहत दंतेवाड़ा जिले के प्राइमरी, माध्यमिक और हाई/हायर सेकेंडरी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार खेल सामग्री खरीदी के लिए स्कूलों में स्तर अनुसार राशि जारी की थी।
जिले के 820 स्कूलों के लिए 62 लाख 20हजार रुपए स्कूलों के खाते में डाले गए। 57& प्राथमिक विद्यालयों को प्रति स्कूल 5 हजार, 188 माध्यमिक विद्यालयों को प्रति स्कूल 10हजार तथा 59 हाई/हायर सेकेंडरी को प्रति स्कूल 25 हजार रुपए की राशि दी गई।
क्या कहते हैं प्राचार्य
गमावाड़ा के जामपारा में प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर अरविंद तामो ने बताया कि नगद पैसा निकालकर संकुल में जमा करवा लिया गया। उनके पास कोई बिल भी नहीं है। वहीं कुम्हाररास मीडिल स्कूल में 47 ब’चे दर्ज हैं। यहां भी खेल किट पहुंच चुकी है।
लेकिन प्राचार्य ने सामान के पैसे नहीं दिये। जिले के अन्य शासकीय स्कूलों में भी इसी तरह सप्लाई की खबरें मिल रही हंै। पूरे मामले पर शिक्षा विभाग के डीएमसी शोरी अनभिज्ञता दिखाते हुए बच रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा जिला स्तर के अधिकारी मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।