छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अवमानना के एक मामले में आईएएस मनोज कुमार पिंगुआ (Chhattisgarh IAS Bailable Warrant) और आईएएस किरण कौशल कौर के खिलाफ पांच हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को सोमवार को हाई कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, कॉलेजों में मेडिकल प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और डिमॉन्स्ट्रेटर के पदों पर 15 साल से संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों ने नियमितीकरण को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी (Chhattisgarh IAS Bailable Warrant 2025)। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उनकी योग्यता और काम नियमित कर्मचारियों के समान होने के बावजूद सरकार नियमितीकरण पर ध्यान नहीं दे रही है। हाई कोर्ट की डीबी ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए नियमित करने का आदेश दिया था।
इसके बाद कॉलेज प्रबंधन और राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए तीन महीने के भीतर आदेश का पालन करने को कहा (Chhattisgarh IAS Bailable Warrant)। इसके बावजूद आदेश का पालन नहीं किया गया।
जब आदेश का अनुपालन नहीं हुआ, तो दिसंबर 2024 में हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई। कई सुनवाइयों के बाद हाई कोर्ट ने अब दोनों आईएएस अधिकारियों पर जमानती वारंट जारी कर दिया है और उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है।

