- छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने तैयार किया सस्ती दर पर मकान बेचने के लिए प्रस्ताव
- सूत्रों ने नवप्रदेश को बताया- नहीं बिके मकानों की कीमतों का हो रहा वैल्यूएशन
- जो ले चुके घर उन्हें भी मिल सकती है राहत, जल्द कैबिनेट को भेजा जाएगा प्रपोजल
रायपुर/नवप्रदेश। प्रदेश की जनता को सस्ते मकानों के रूप में बड़ा दिवाली गिफ्ट मिलने जा रहा है। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड (chhattisgarh housing board) के बनाए मकान (houses) 10 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा सस्ते (10 percent cheaper or more than it) मिल सकते हैं। बोर्ड की आेर से इसके लिए ए खाका तैयार कर लिया गया है और अब संपित्तयों के वैल्यूएशन (valuation) का काम चल रहा है। इस पहल से उन लोगों को भी राहत मिलेगी जिन्होंने मकान खरीद लिया है, लेकन जिन पर इसकी किश्त न चुका पाने के कारण दांडिक ब्याज लगाया गया है। बोर्ड के प्रस्ताव (proposal) में ऐसे ग्राहकों को दांडिक ब्याज में छूट (concession) का प्रावधान किया गया है।
बोर्ड के (chhattisgarh housing board) सूत्रों ने नवप्रदेश को बताया कि नए व मौजूदा ग्राहकों को छूट देने के लिए कुल पांच बिंदुओं पर प्रस्ताव तैयार किया गया है। मकान खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए मकान की बढ़ी हुई कीमत (जाे राशि पूंजीगत ब्याज के रूप में बिक्री कीमत में जुड़ती जाती है।) को कम करने का भी प्रस्ताव है। दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि जितनी राशि में मकान बना वह उतने में ही मिलेगा।
ऐसे समझें 10 फीसदी या उससे सस्ते का गणित
सूत्रों के मुतािबक आम तौर पर मकान (house) की बिक्री कीमत (sell price) में हर साल 10 फीसदी की दर से पूंजीगत ब्याज जुड़ते जाता है। लिहाजा सूत्रों का कहना है कि यदि बोर्ड (chhattisgarh housing board) का प्रस्ताव पास हाे जाता है तो मार्केट रेट से मकान (houses) 10 फीसदी कम कीमत में (10 percent cheaper) मिल सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि इससे पहले भी बोर्ड अपने मकानों के लिए 10 फीसदी की छूट दे चुका है। हालांकि बोर्ड से जुड़े अिधकारियों का यह भी कहना है कि अभी संपत्तियों की वैल्यूएशन चल रहा है। मकानों की कीमतों में छूट 10 फीसदी या उससे ज्यादा भी (10 percent cheaper or more than it) हो सकती है (जहां थोड़ी-बहुत मरम्मत की जरूरत हो)।
वैल्यूएशन का काम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि बोर्ड के जो मकान साल भर से नहीं बिके हैं उनकी बिक्री के लिए बोर्ड ने प्रस्ताव तैयार किया है। अब संपत्तियों का वैल्यूएशन (valuation) किया जा रहा है। वैल्यूएशन के बाद तय हो जाएगा कि किस मकान पर कितनी छूट (concession) दी जा सकती है। बोर्ड की मीटिंग में प्रस्ताव पर मंथन होगा, जिसके बाद इसे कैबिनेट को भेजा जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने नवप्रदेश से चर्चा में बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को मकानों के वैल्यूएशन का काम दिया गया है। जिसकी ओर से यह बताया जाएगा कि बोर्ड के किस मकान (house) का मार्केट प्राइस (price) कितना है। उसके आधार पर छूट (concession) तय की जाएगी।
प्रस्ताव में भाड़ा क्रय भी शामिल
बोर्ड (chhattisgarh housing board) द्वारा ग्राहकों को छूट (concession) दिए जाने संबंधी प्रस्ताव में भाड़ा क्रय की योजना भी शामिल की गई है। अधिकारी के मुताबिक यदि कोई इच्छुक व्यक्ति मकान की पूरी राशि नहीं दे सकता तो उसे आधी राशि जमा करने पर भी मकान की चाभी दे दी जाएगी। शेष राशि वह किश्तों में अदा कर सकता है। हालांकि उस शेष राशि पर ब्याज भी वसूला जाएगा। पूरी किश्तें अदा करने के बाद मकान (houses) की रजिस्ट्री खरीदार के नाम कर दी जाएगी।
रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर के लोगों को मिलेगा ज्यादा फायदा
वैसे तो सरकार द्वारा की जा रही यह पहल पूरे राज्य के लिए है। लेकिन इसका सबसे ज्यादा फायदा रायपुर, दुर्ग व बिलासपुर को मिलेगा। क्योंकि सूत्रों के मुताबिक हाउसिंग बोर्ड की सबसे ज्यादा प्रापर्टी इन तीनों जगहों पर है। रायपुर की बात करें तो नया रायपुर में बोर्ड के ऐसे सबसे ज्यादा मकान हैं, जिनको बने साल भर या उससे ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन ये बिक नहीं पाए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, फिलहाल ऐसे करीब 2700 मकान चिह्नित किए गए हैं।