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Chhattisgarh Highway Projects : छत्तीसगढ़ में राजमार्गों का नया खाका तैयार…केंद्र से प्रस्तावित परियोजनाओं को मिली प्राथमिकता…

Chhattisgarh Highway Projects

Chhattisgarh Highway Projects

Chhattisgarh Highway Projects : छत्तीसगढ़ के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विकास के क्षेत्र में बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) को भेजे गए संशोधित प्रस्तावों में राज्य के कई ज़िलों को जोड़ने वाली नई और विस्तारित हाईवे परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। इन प्रस्तावों में न केवल नए रूट शामिल हैं, बल्कि मौजूदा मार्गों के फोरलेन विस्तार, बायपास निर्माण और कनेक्टिविटी बढ़ाने वाले लिंक रोड्स भी शामिल हैं।

प्रमुख परियोजनाएं जो चर्चा में रहीं:

रायपुर–फरसवां–बिलासपुर मार्ग (6 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे)

यह परियोजना वर्तमान में निर्माणाधीन(Chhattisgarh Highway Projects) है और इसका कार्य 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह मार्ग औद्योगिक हब बिरगांव-तिल्दा को तेज़ कनेक्टिविटी देगा।

बिलासपुर–मरवाही–अमरकंटक मार्ग

इस रूट को वैकल्पिक हाईवे के रूप में विकसित करने पर विचार किया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित क्षेत्रों को बेहतर संपर्क मिलेगा।

कवर्धा–चिल्फी–बैतूल सीमा मार्ग

फोरलेन हाईवे के रूप में प्रस्तावित इस मार्ग से पर्यटन और लॉजिस्टिक गतिविधियों को बल मिलेगा।

बिलासपुर–कोरबा–कटघोरा–अंबिकापुर सेक्शन

मौजूदा मार्ग के समानांतर वैकल्पिक 6 लेन हाइवे(Chhattisgarh Highway Projects) बनाने की योजना, जिससे ट्रैफिक दबाव कम होगा और औद्योगिक ट्रांसपोर्ट तेज़ होगा।

रायपुर-जबलपुर लिंक (NH-53 और NH-130B)

यह लिंक छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश के बीच नए व्यापारिक मार्ग के रूप में कार्य करेगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा स्वीकृत और निर्माणाधीन योजनाएं:

Dhamtari–Kanker–Jagdalpur NH-30 सेक्शन का चौड़ीकरण

लागत: 1200 करोड़ , प्रगति: निविदा प्रक्रिया चल रही है

Katghora–Ambikapur 4 लेन कार्य

लागत: 133 करोड़ | प्रगति: DPR अंतिम चरण में

Raipur–Bilaspur–Korba–Katghora हाइवे के विभिन्न हिस्सों में बायपास प्रस्ताव

इससे ट्रैफिक डायवर्जन और लोकल कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

आकांक्षी जिलों की कनेक्टिविटी में भी होगा सुधार

जैसे-जैसे राज्य आकांक्षी जिलों के विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे लिंकिंग हाइवे और सेकेंडरी रूट इन क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्तावों में यह भी सुझाव दिया गया है कि कुछ रूट्स को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जाए और मौजूदा हाईवेज को नया नंबर देकर उनकी पहचान और रखरखाव बेहतर किया जाए।

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