बिलासपुर, 10 जून| Chhattisgarh High Court Bomb Threat : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को सोमवार शाम एक ईमेल के माध्यम से मिली धमकी ने कानून व्यवस्था की नींव को झकझोर दिया। गर्मियों की छुट्टियों के बाद जब न्याय प्रक्रिया फिर रफ्तार पकड़ रही थी, तभी अदालत परिसर को बम से उड़ाने की धमकी सामने आई — और वो भी एक ईमेल के ज़रिए, जिसमें अमोनियम सल्फर आधारित विस्फोटक लगाए जाने की बात कही गई थी।
इस धमकी को एक “पवित्र मिशन” का हिस्सा बताया गया, जिसमें कुछ संवेदनशील मामलों का जिक्र करते हुए धमकी को न्याय का नया रूप कहा (Chhattisgarh High Court Bomb Threat)गया। हालांकि, यह शब्दजाल सतर्क सुरक्षा एजेंसियों को भ्रमित नहीं कर सका।
सूचना मिलते ही सक्रिय हुई टीमें — बम निरोधक दस्ते, खोजी कुत्ते और तकनीकी यूनिट्स ने देर रात तक पूरे कोर्ट परिसर की छानबीन की। किसी प्रकार की विस्फोटक सामग्री नहीं मिली, लेकिन घटना को गंभीरता से लेते (Chhattisgarh High Court Bomb Threat)हुए सीसीटीवी निगरानी और प्रवेश प्रक्रिया को और सख्त किया गया है।
पुलिस ने धमकी को पहले ‘मॉक ड्रिल’ मानने की कोशिश की, लेकिन जमीनी स्तर पर चल रही सक्रियता और जांच ने इसे एक वास्तविक ख़तरा घोषित कर दिया। प्राथमिक तौर पर मामला साइबर जांच एजेंसियों को सौंपा गया है, जिससे मेल की लोकेशन और स्रोत का पता लगाया जा (Chhattisgarh High Court Bomb Threat)सके।
यह घटना न केवल न्यायपालिका की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि डिजिटल माध्यमों का दुरुपयोग किस हद तक बढ़ चुका है।