खनन परियोजनाओं में तैनात सुरक्षा बलों की मांगी थी जानकारी
एडीजी गुप्तवार्ता का सभी एसपी को लिखा पत्र 4 दिन में लीक
सुकांत राजपूत/रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन (chhattisgarh government) का एक और गोपनीय पत्र (secret letter) नाटकीय अंदाज में मीडिया में (in media) वायरल (viral) हो गया। दरअसल छत्तीसगढ़ शासन व्दारा प्रदेश में संचालित सभी खनन परियोजनाओं में तैनात सुरक्षा बलों की जानकारी चाही गई है। इस संबंध में सूबे की समस्त खदानों में तैनात पैरा मिलिट्री फोर्स, स्पेशल आम्र्ड फोर्स और औद्योगिक सुरक्षा बल की विस्तृत जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया है।
शासन व्दारा उक्त संबंध में जानकारी जुटाने के लिए 5 नवंबर को एडीजी गुप्त वार्ता को गोपनीय निर्देश पत्र लिखा गया था। इसे एडीजी गुप्त वार्ता ने भी गोपनीय पत्र (secret letter) के रूप में सभी पुलिस अधीक्षकों को प्रषित कर दिया। इसमेंं राज्य सरकार ने प्रदेश की तमाम खनन परियोजनाओं में तैनात पैरा मिलिट्री फोर्स और स्पेशल आम्र्ड फोर्स की कंपनियों के संबंध में जानकारी मांगी है। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार (chhattisgarh government) का यह यह पत्र गोपनीय नहीं रह सका और मीडिया में (in media) नाटकीय रूप से वायरल (viral) हो गया। विभागीय गोपनीयता भंग होने का यह प्रदेश में दूसरा मामला है।
जानकारी मंगाने के पीछे जरूर बड़ी है वजह
गोपनीय पत्र लिखकर सरकार द्वारा उक्त जानकारी मंगाने के पीछे की मंशा क्या है इसका कहीं कोई जिक्र नहीं है। पर कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य सरकार के गृह विभाग के अवर सचिव ने प्रदेश की सभी खनन परियोजनाओं की सुरक्षा में तैनात कंपनियों की संख्या व जानकारी जरूर किसी बड़ी वजह से चाही है। क्योंकि सरकार द्वारा तमात कंपनियों के साथ ही किन-किन कंपनियों के व्यय का भुगतान संबंधित खनन इकाइयों द्वारा किया जा रहा है, इस संबंध में भी जानकारी मांगी है।
ऐसे समझें पूरा मामला
अवर सचिव छग. शासन गृह विभाग, मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर द्वारा सूबे की सभी खनन परियोजनाओं की सुरक्षा में तैनात कंपनियों की जानकारी मंगाए जाने संबंधी पत्र क्रमांक/2159/382/गृह-सी/2019 दिनांक 5 नवंबर 219 को एडीजी गुप्तवार्ता को पत्र प्राप्त हुआ। एडीजी गुप्तवार्ता ने इस निर्देश पत्र को अति आवश्यक/तत्काल और गोपनीय पत्र क्रमांक वि.शा./6/पीए/2019-10(4569) के रूप में दिनांक 6 नवंबर 2019 को समस्त पुलिस अधीक्षक छत्तीसगढ़ के नाम से प्रेषित कर दिया। इस पत्र पर बाकायदा एडीजी गुप्तवार्ता के हस्ताक्षर है। गुप्तवार्ता के इस पत्र की प्रतिलिपि भी समस्त रेंज पुलिस महानिरीक्षक को सूचनार्थ भेजी गई है। ऐसे में इस गोपनीय व अतिआवश्यक लिखे पत्र का से लीक होना गंभीर विषय है।
विभागीय गोपनीयता पहले भी हुई है भंग
निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता और उनके परिजनों के फोन टेपिंग वाला कथित आदेश भी आईजी से एसपी दफ्तर पहुंचने के पहले लीक हो गया था। इस संवेदनशील मामले में सबसे शर्मनाक स्थिति तब निर्मित हुई जब निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कॉल रिकार्डिंग के लिए कूट भाषा में लिखे गए पत्र को पेश किया था। इसके बाद शासन और पुलिस की बड़ी बदनामी हुई थी। अवर सचिव गृह विभाग और गुप्तवार्ता से लेकर आईजी रेंज कार्यालय और एसपी कार्यालय के बीच गोपनीय दस्तावेजों के यूं लीक होने की यह दूसरी घटना है।