Chhattisgarh Flood Relief : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज दंतेवाड़ा जिला कार्यालय में बाढ़ राहत और पुनर्वास कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की। बैठक में बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिलों के कलेक्टर, वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
सीएम ने कहा कि हाल ही में आई भीषण बाढ़ से जन-धन और बुनियादी ढांचे को अपूरणीय क्षति पहुँची है, लेकिन प्रशासनिक तत्परता के कारण प्रभावित लोगों को त्वरित राहत मिली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हालात सामान्य होने तक राहत और स्वास्थ्य शिविर लगातार संचालित हों और ग्रामीणों से सीधा संवाद बनाए रखा जाए।
115 करोड़ की क्षति, फौरी मदद जारी
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि चारों जिलों में बाढ़ से अधोसंरचनाओं को लगभग 115 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए हर संभव सहयोग(Chhattisgarh Flood Relief) करेगी। उन्होंने शासकीय कर्मचारियों द्वारा एक दिन का वेतन राहत कार्य हेतु दान करने की सराहना भी की।
स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में मलेरिया, टाइफाइड और अन्य जलजनित रोग फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार डोर-टू-डोर सर्वे कराए। साथ ही पेयजल स्रोतों का क्लोरीनेशन और परीक्षण अनिवार्य रूप से हो। प्रभावित ग्रामीणों को आवश्यक दवाइयाँ और परामर्श तुरंत उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए।
यातायात और संचार बहाली पर फोकस
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात बाधित न हो, इसके लिए कार्यपालन अभियंता तत्काल कार्रवाई करें। वहीं, कलेक्टरों ने बताया कि पुल-पुलियों, सड़कों और बिजली आपूर्ति की मरम्मत तेजी से की जा रही है।
प्रभावितों की उम्मीदें और सरकार का आश्वासन
बैठक में यह भी सामने आया कि नदी-नालों के किनारे बसे गाँवों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। लेकिन प्रशासन ने त्वरित रेस्क्यू, राहत सामग्री वितरण और अस्थायी शिविरों की व्यवस्था(Chhattisgarh Flood Relief) करके प्रभावितों को सुरक्षित ठहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों, ग्रामीणों और बाढ़ पीड़ित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।