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BIG BREAKING : नहीं रहे अजीत जोगी

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रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के पहले मुख्यमंत्री (first cm) और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रमुख अजीत जोगी (ajit jogi) का शुक्रवार 29 मई को निधन (passes away) हो गया। शनिवार की सुबह नाश्ता करते वक्त उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। अजीत जोगी (ajit jogi) को दिल का दौरा (heart attack) पड़ने से उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें रायपुर के श्री नारायणा अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। नारायण अस्पताल के संचालक  सुनील खेमका ने बताया था कि उनकी हालत चिंताजनक बनी है। जिसके बाद प्रदेश (chhattisgarh) के पहले मुख्यमंत्री (first cm) के शुभचिंतकों का  अस्पताल के बाहर जमावड़ा लगना शुरू हो गया था।

अस्पताल में जुटने लगे थे समर्थक

अजीत जोगी  (ajit jogi) की नाजुक स्थिति का पता चलते ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनके पुत्र अमित जोगी से फोन पर चर्चा कर पूर्व सीएम अजीत जोगी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। बघेल ने अमित जोगी को आश्वस्त किया था कि राज्य सरकार द्वारा हर संभव पहल की जाएगी। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और अंतत: उनका निधन (passes away) हो गया।  

एक्सिडेंट  के बाद से थे व्हीलचेयर पर

बता दें कि एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद कई वर्षों से अजीत जोगी व्हील चेयर पर थे। इस दौरान उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी हो गईं। पिछले दिनों लंबे समय तक वे अस्पताल में भर्ती भी रहे थे।

नाश्ते के  वक्त शुरू हुआ था तेज दर्द

सुबह नास्ते के दौरान अजीत जोगी को अचानक सीने में तेज दर्ज महसूस हुआ था और सांस लेने में तकलीफ  होने लगी थी। इस दौरान उनकी पत्नी रेणु जोगी साथ में मौजूद थीं। इसके बाद उन्हें तत्काल श्री नारायण अस्पताल लाया गया था।

अमित ने बताया था- पापा को अटैक आया है

पिता की तबीयत के बारे में पता चलने पर बेटे अमित जोगी भी बिलासपुर से रायपुर के लिए रवाना हो गए थे। उन्होंने मीडिया को बताया था कि उनकेे पिता को अटैक आया है। साथ ही उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है।

आईपीएस के बाद बने आईएएस  

बिलासपुर के पेंड्रा में जन्में अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक की नौकरी की। बाद में वे मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आये। वे विधायक और सांसद भी रहे। बाद में 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ बना तो उन्हें राज्य का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया।

2016 में हुआ कांग्रेस से निष्कासन  

2016 में अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी को कांग्रेस विरोधी गतिविधियों के लिए कांग्रेस से हटाने के साथ ही छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ में उप-चुनावों को खत्म कर दिया गया था। अमीत जोगी को तो 6 साल के लिए कांग्रेस से हटाया गया है। 2016 में ही अजीत जोगी ने अपनी अलग राजनीतिक पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन किया।

किताबें भी लिखीं

रोचक तथ्य एक राजनेता से अलग छवि बनाते हुए अजीत जोगी ने अपनी पहचान लेखक के तौर पर ‘दा रोल ऑफ  डिस्ट्रीक कलेक्टर और ‘एडमिनिस्ट्रेशन ऑफर पेरीफेरल एरियाजÓ जैसी किताबें भी लिख चुके हैं। इतना ही नहीं यह भोपाल के मौलाना आजाद कॉलेज में मैकनिकल इंजिनियरिंग में गोल्ड मेडेलिस्ट रह चुके है। साथ ही आईएएस के तौर पर इन्होंने 1981-85 तक इंदौर के जिला कलेक्टर के तौर पर अपनी सेवाएं दी है।



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