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NEET And JEE के खिलाफ छग समेत 6 राज्य पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, मंत्री भगत…

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परीक्षा कराने की अनुमति पर फिर से विचार करने का किया अनुरोध

नई दिल्ली/ए.। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh file review petition against neet and jee) समेत छह राज्यों (six states petition against neet jee) के मंत्रियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में नीट व जेईई परीक्षा (neet and jee exam 2020) कराने की अनुमति केे खिलाफ पुनर्विचार याचिका (review petition against neet and jee exam) लगाई गई है।

याचिका में नीट और जेईई एग्जाम (neet and jee exam 2020) कराए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh file review paetition against neet and jee) के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत, पश्चिम बंगाल के मंत्री मोलोय घटक, झारखंड के रामेश्वर उरांव, राजस्थान के रघु शर्मा, पंजाब के बीएस सिद्धू और महाराष्ट्र के उदय रवींद्र सावंत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल की है।

उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें नीट और जेईई एग्जाम के आयोजन को चुनौती दी गई थी। उस याचिका में कहा गया था कि कोरोना के मद्देनजर एग्जाम स्थगित किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज करते हुए कहा था कि क्या देश में सबकुछ रोक दिया जाए। क्या विद्यार्थी के साल यूं ही खराब होने दिया जाएगा? हम विद्यार्थियों के भविष्य का एक साल बर्बाद नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोरोना के दौरान जिंदगी को आगे बढ़ाना जरूरी है।

यचिकाकर्ता बोले- छात्रों की सुरक्षा का सवाल

छत्तीसगढ़ के मंत्री भगत समेत उक्त याचिकाकर्ताओं की ओर से शीर्ष अदालत में वकील सुनील फर्नांडिस ने अर्जी दाखिल की है। इसमें कहा है कि यह छात्रों की सुरक्षा का मामला है, जो विद्यार्थी एग्जाम में बैठेंगे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता है और इस मसले पर संतुष्ट करने वाला जवाब नहीं है।

याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार के पास वक्त नहीं है कि वह प्रत्येक जिले में नीट और जेईई के लिए एग्जाम सेंटर बनाए। लाखों स्टूडेंट को एग्जाम देना है और वह फिजिकल एग्जाम में बैठना नहीं चाहते। अगर 17 अगस्त के फैसले को रिव्यू नहीं किया गया तो देश की स्टूडेंट कम्युनिटी को जो हानि और डैमेज होगा उसकी भरपाई नहीं हो सकती।


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