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इंसानी हरकतों से भी बौरा रहे राज्य में हाथी, नवप्रदेश के पास Exclusive Video

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बलौदाबाजार के धमनी सर्कल का मामला, वीडियो में दिख रहा कि कैसे कुछ ग्रामीणों के छेड़छाड़ करने पर आक्रामक हुआ गजदल

रायपुर/नवप्रदेश। यूं तो छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में हाथियों (elephants) और इंसानों की भिड़ंत की एक नहीं कई वजह हैं। इनमें से सामान्य कारणों में तेजी से कम होते जंगल, वन परिक्षेत्र में बसते गांव और खुराक को गिना जाता है। लेकिन, इन सभी कारणों के बाद भी जो मुख्य वजह है, वह है इंसानों (human) से दूरियां बनाकर जाते हाथियों के झुंडों से गंभीर छेड़छाड़ (teasing) ।

इस एक कारण से ही गजदल बौरा भी रहे हैं। खासकर जिन दंतैल समूहों में बच्चे हैं उनकी हिफाजत के लिए वे आक्रामक (violent) भी होने लगे हैं। शांति से अपने पूरे दल और बच्चों समेत ग्रामीणों से सुरक्षात्मक दूरी बनाकर जाते गजदल के बौराने वाला वीडियो (video) इन दिनों वायरल हुआ है। जिसमें साफ हो जाता है कि हाथियों और इंसानों के बीच जानलेवा भिड़ंत की सबसे बड़ी वजह यही है। नवप्रदेश के पास यह एक्सक्लूसिव वीडियो है।

वीडियाे 26 अक्टूबर का, देखने के लिए क्लिक करें- link

वायरल वीडियो (video) छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के बलौदाबाजार डिविजन के रोहानसी रेंज स्थित कंपार्टमेंट नंबर-25 बीट धमनी सर्कल का है। 26 अक्टूबर को सुबह सवा 7 बजे खामोशी से हाथियों का दल जाता दिख रहा है। जिसे सुरक्षित दूरी से बड़ी संख्या में ग्रामीण भी उन्हें जाता देख रहे हैं। इसी दौरान वन विभाग का भी अमला ग्रामीणों की सुरक्षा में साथ था और मोबाइल में पूरी गतिविधियां रिकॉर्ड कर रहा था।

https://youtu.be/aCKU5mXbee4

करीब 18 हाथियों (elephants) के दल में बच्चे भी थे। ग्रामीण जब तक शांति से उन्हें जाता देख रहे थे वे भी खामोशी से जाते दिखे। लेकिन तभी ग्रामीणों में से चंद लोग हाथियों को तेज और भड़काने वाली आवाज में चिल्लाकर (teasing) चुनौती देने लगे। अजीब इंसानी (human) आवाजों से हाथियों का दल खतरनाक तरीके से मुड़ा तभी एक जागरूक व्यक्ति ने सभी को ऐसा नहीं करने की सलाह भी दी पर वे जब तक इसकी गंभीरता समझते तभी अचानक हाथियों का मुखिया और पूरा दल ग्रामीणों की तरफ आक्रामक (violent) होकर से लपका और ग्रामीण भागे।

शुक्र है कोई हताहत नहीं

शुक्र है कि पूरे वीडियो (video) में कोई हताहत होता नहीं दिखा। पर यह साफ हो गया कि हाथियों के झुंड से सुरक्षात्मक दूरी बनाने और बिना छेड़छाड़ के शांति से उन्हें ग्रामीण जाने या रहने दें तो वे भी इंसानों के लिए घातक नहीं होंगे।

जरूरत है तो मूक वन्यप्राणियों के सम्मान, जरूरतों और उनसे सुरक्षात्मक दूरी रखने की। वन विभाग लगातार हाथियों के रास्ते पड़ने वाले गांवों में जरूरी निर्देश देता रहा है पर चूक शरारती तत्वों की वजह से हो रही है।

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