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Chhattisgarh Electricity Corruption : केबल की चालबाजी…मिट्टी में मिलाए करोड़ों…झुलसी बिजली व्यवस्था…स्टोर्स सील…अफसर सस्पेंड…सप्लायर पर गाज…

Chhattisgarh Electricity Corruption

Chhattisgarh Electricity Corruption

Chhattisgarh Electricity Corruption : छत्तीसगढ़ में बिजली की सप्लाई को झुलसाने वाला एक सुनियोजित केबल खेल सामने आया है, जिसमें करोड़ों की सरकारी योजना को घटिया वायरिंग और फर्जी भुगतान के जरिये लूटा गया।

जांच रिपोर्ट में साफ हुआ है कि ठेकेदारों ने मानकविहीन केबल बिछाकर पूरे सिस्टम को ‘शॉर्ट सर्किट’ की कगार पर ला खड़ा किया। इस गड़बड़ी की आंच अब अफसरों तक पहुंच चुकी है – दो इंजीनियर सस्पेंड, एक ट्रांसफर और कई पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

 ‘मौसम से पहले पिघल गए केबल’

रायपुर से भेजी गई विशेषज्ञों की टीम ने बिलासपुर और मुंगेली में जब स्टोरों की जांच की, तो वहां आईएसआई और बीआईएस मानकों की अनदेखी कर घटिया ब्रांड के केबल्स पाए गए। ये केबल मामूली गर्मी या बारिश में ही पिघल जाते हैं, जिससे बारिश के दौरान शॉर्ट सर्किट, फॉल्ट और बिजली गुल(Chhattisgarh Electricity Corruption) होना आम हो गया। जांच टीम ने सैंपलिंग के बाद दोनों स्टोर को सील कर दिया है।

पेमेंट पहले, केबल बाद में – जांच में फंसे कई नाम

सिर्फ घटिया सामग्री ही नहीं, बल्कि केबल बिछाए बिना पेमेंट कर दिए जाने के मामले भी सामने आए हैं। यानी जहां ज़मीन पर कुछ नहीं हुआ, वहां भी ठेकेदारों को पैसा बांट दिया गया।

अब इस घोटाले में कोरबा, बिलासपुर, जांजगीर और मुंगेली के अफसरों की भूमिका जांच के घेरे में है।

फर्मों पर एक्शन : ब्लैकलिस्टिंग और जुर्माना

सप्लाई में गड़बड़ी करने वाली फर्मों पर सख्ती शुरू हो चुकी है। दो फर्मों को शोकॉज नोटिस, एक को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी और एक पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बिजली(Chhattisgarh Electricity Corruption) मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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