-मुख्यमंत्री निवास में परम्परागत रूप से मनाया गया तीजा-पोरा का तिहार
-मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और महिला बाल विकास मंत्री ने दी तीजा-पोरा की बधाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की संस्कृति और सुख-समृद्धि (Culture and prosperity) के प्रतीक का त्यौहार तीजा-पोरा (festival Teja-Pora) आज मुख्यमंत्री निवास में परम्परागत (Traditional) रूप से मनाया गया। मुख्यमंत्री ने विशाल शिवलिंग की पूजा कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने नांदिया-बैला, चुकिया, पोरा, जांता की पूजा की और छत्तीसगढ़ के विशिष्ट व्यंजन चीला का भोग लगाया।
उन्होंने कहा कि हमें कोरोना संक्रमण से बचते हुए तीजा मनाना है। गांवों में ग्रामीण व्यवस्था के तहत कोरोना से सुरक्षा के लिए मुनादी कराया गया होगा। हम ग्रामीण व्यवस्था का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शासन द्वारा कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ के प्रचार-प्रसार के लिए आज तीजा-पोरा के शुभ अवसर पर पांचों संभागों के लिए प्रचार रथ रवाना किए हैं। ये रथ सभी जिलों, विकासखण्ड़ों और गांवों में जाकर राम वन गमन पर्यटन परिपथ के बारे में एलईडी प्रर्दशनी के माध्यम से लोगों को बताएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनभागीदारी के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास कोष का गठन किया गया है। इस कोष में एकत्रित राशि को देवालयों-देवगुडी के विकास में भी लगाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत की जा रही गोबर खरीदी की चर्चा दुनिया में हो रही हैं। यह योजना ग्रामीण समृद्धि के लिए है। अब गोबर कीमती हो गया है। लोग सायकल, मोटर-सायकल और कार में गोबर लेकर बेचने आ रहे हैं।