विशेष खेल संवाददाता नितेश छाबड़ा की खास बातचीत
रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ क्रिकेट टीम के वर्तमान कप्तान और इस वर्ष आईपीएल में पंजाब किंग्स की तरफ से टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हरप्रीत सिंग भाटिया बाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के मीडियम तेज़ गेंदबाज है। बालोद जिले के दल्ली राजहरा से आने वाले हरप्रीत पूर्व में मध्यप्रदेश की तरफ से खेल चुके हैं। फिलहाल वे छत्तीसगढ़ क्रिकेट टीम जुड़े हैं। इस सीजन में भी आईपीएल में खेलने का अनुभव लेकर लौटे हरप्रीत से नवप्रदेश के विशेष क्रिकेट समीक्षक नितेश छाबड़ा फोन से विभिन्न विषयों पर बातचीत की। पेश है उस बातचीत के प्रमुख अंश –
सवाल – आपने कब से क्रिकेट खेलने की शुरुआत की और आपको कब यह लगा कि इस खेल में ही कैरियर बनाना है?
जवाब – 5-6 की उम्र से मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया और उस दौरान घर पर ही खेलता था। 12 वर्ष की उम्र में मैंने पहली बार लेदर बॉल से क्रिकेट खेलना आरंभ किया और वहीं से मेरे प्रोफेशनल क्रिकेट की शुरुआत हुई। इस दौरान मेरा चयन स्कूली क्रिकेट की नेशनल टीम में हुआ। फिर मैंने अपनी भावी क्रिकेट को निखारने के लिए मध्यप्रदेश के सागर डिवीजऩ को चुना। इस बीच मेरे अंदर क्रिकेट खेलने की ऐसी लालसा थी कि मैंने आगे बढऩे के लिए उस समय अपनी वार्षिक परीक्षा भी छोड़ दी थी।
सवाल – सन 2010 में अंतराष्ट्रीय स्तर पर आपने अंडर-19 विश्व कप से शुरुआत की। इस उम्र में आपको कैसा अनुभव मिला। उस विश्व कप में आपने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध अर्धशतक भी लगाया था। उस पर अपना अनुभव बताएं।
जवाब – मैंने उस समय तक फस्र्ट क्लास क्रिकेट नही खेला था। वह विश्व कप न्यूजीलैंड मे खेला गया था। न्यूजीलैंड में खेलना हमेशा से चुनौतीपूर्ण होता है और जैसा कि मुझे याद है हम अधिकतर मैच उन स्टेडियम में खेले थे, जो अंडर कंस्ट्रक्शन थे। ये मैदान पूरी तरह से खुले थे, जहां हवा का बहुत प्रभाव रहता था। यहाँ बल्लेबाजी कर पाना बहुत मुश्किल था। टॉस का बहुत महत्व रहता है। इस टीम से जयदेव उनादकट, के एल राहुल, मयंक अग्रवाल, हर्षल पटेल टीम में थे। पर हमारी टीम के लिए वो विश्व कप अच्छा नही था। इसके बावजूद हमने उन कंडीशन्स और उस उम्र में काफ़ी कुछ सीखा, जो आगे चलकर हमारे बहुत काम आया।
सवाल – घरेलू क्रिकेट में मध्यप्रदेश के लिए खेलते हुए आपका सफर कैसा रहा?
जवाब – मैं मध्यप्रदेश क्रिकेट का बहुत शुक्रगुजार हूं, जहाँ मुझे इतनी कम उम्र से लगातार खेलने का मौका मिला। उस दौर में मैंने विजय मर्चेंट ट्रॉफी, सी के नायडू ट्रॉफी, कूच बिहार ट्रॉफी, विजय हज़ारे ट्रॉफी में क्रिकेट खेला। फिर मैंने रणजी ट्रॉफी में अपने कैरियर की शुरुआत की। इस दौरान मैंने लगातार क्रिकेट खेला। इससे मैंने बहुत अधिक अनुभव हासिल किया।
सवाल – आईपीएल में पहले कोलकाता, पुणे और बैंगलोर की तरफ से आप टीम में थे और आपको कुछ मैचों में प्लेइंग-11 में स्थान भी मिला। हालांकि आपके बल्ले से ज्यादा रन नही निकल पाए, पर देश विदेश के बड़े क्रिकेटरों के साथ आपने ड्रेसिंग रूम शेयर किया था। उस अनुभव के बारे में बताएं।
जवाब – यह बहुत ही सुखद अनुभव था। आप जिन्हें 2-3 साल पहले टीवी में देखते थे और ड्रीम करते थे कि मैं भी इनके साथ खेलूँ। अंडर-19 विश्व कप के बाद मुझे केकेआर की टीम में स्थान मिला। उस दिनों सौरव गांगुली की कप्तानी वाली कोलकाता की टीम में बहुत से लेजेंड्स क्रिकेटर थे। मैं बहुत भाग्यशाली था कि उन सबके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने का मौका मिला। हालांकि मैं सिर्फ एक मैच ही खेल पाया, जिसमें मुझे बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला, मगर उस दौरान मैंने खेल की बहुत सी बारीकियां सीखी और दादा (सौरव गांगुली) ने भी मुझे बहुत टिप्स दिए। इसके बाद मेरा टी20 डोमेस्टिक सीजन बहुत अच्छा गया था। नतीजतन आईपीएल में पुणे की टीम में मेरा चयन हुआ। हालांकि वह सीजन मेरे लिए अच्छा नही था, पर मुझे जो अनुभव मुझे मिला मैंने आगे लगातार उसे अप्लाई किया।
सवाल – घरेलू क्रिकेट में मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ अपने गृह राज्य के लिए खेलना और टीम की कप्तानी करना इस पर अपना अनुभव बताएं।
जवाब – छत्तीसगढ़ की टीम काफी युवा टीम है। जब मैंने छत्तीसगढ़ टीम की कप्तानी सम्हाली तब मेरी सोच यही थी कि जो मैंने सीखा है, उसे इन लड़कों में फॉरवर्ड करुं। यहां के खिलाडिय़ों के अलावा भी मेरी सोच हमेशा से यही रही है कि जो भी युवा खिलाड़ी मेरे साथ है, उसे मैं अपने अनुभव से ज्यादा से ज्यादा सिखाने का प्रयास करुं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों के साथ यह काफी आसान भी था, क्योंकि दोनों राज्यों के अधिकांश क्रिकेटर एक दूसरे के साथ खेलते हैं और आपस में जुड़े भी हुए हैं।
सवाल – छत्तीसगढ़ में क्रिकेट के भविष्य को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे।
जवाब – 2016 से मैंने छत्तीसगढ़ में खेलने की शुरुआत की। उस दौरान मोहम्मद कैफ भाई टीम के कप्तान थे। हमने उनसे काफी कुछ सीखा। फिर 2018 से मैंने कप्तानी सम्हाली। हमारी टीम की सबसे अच्छी बात यह है कि हम हर साल आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि हमारे पास ट्रॉफी नहीं है, पर हमने इन कुछ वर्षों में बड़ी बड़ी टीमों को हराया है। तमिलनाडु, गुजरात, मुंबई और आंध्रप्रदेश को हम पराजित कर चुके हैं। मुंबई को हमने तीन बार हराया है। सबसे अच्छी बात यह भी है कि हमें राज्य क्रिकेट संघ से लगातार सपोर्ट और उत्साहवर्धन मिल रहा है और नए लड़के भी लगातार अच्छा कर रहे। मैं बिल्कुल यह कहूंगा कि छत्तीसगढ़ का क्रिकेटिंग भविष्य बहुत उज्ज्वल है।
सवाल – रायपुर में इस वर्ष पहली बार अंतराष्ट्रीय मैच का आयोजन हुआ। उसे आप किस तरह से देखते है ?
जवाब – जब अपने राज्य या शहर में ऐसा बड़ा आयोजन होता है तो इससे बच्चे बहुत मोटिवेट होते हैं। इस मैच में आयोजन के दौरान बहुत से बच्चों ने विराट और रोहित को सामने खेलते हुए देखा होगा और निश्चित तौर पर इससे वे बहुत मोटिवेट हुए होंगे। बहुत से बच्चों ने क्रिकेट खेलना आरंभ किया होगा। ये बहुत अच्छी बात है कि हमारे शहर में अंतरराष्ट्रीय मैच हो रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूँ कि आने वाले समय मे भी ऐसे आयोजन यहां होते रहेंगे।
सवाल – इस वर्ष जब पंजाब किंग्स के लिए आईपीएल में आपका चयन हुआ तो आपकी प्रतिक्रिया क्या थी?
जवाब – मैं पिछले 5 से 6 वर्षो से इस फॉरमेट में अच्छा कर रहा था, तो मुझे लगता था कि अब मेरा चयन होगा, पर कुछ समय लगा। इसलिए जब मेरा चयन हुआ तो मैं बिल्कुल नार्मल था। मुझे लगता था कि मैं इसके लिए डिज़र्व करता हूँ। मुझे इस बात की खुशी थी कि देर से ही सही पर अब मुझे ये मौका मिला है।
सवाल – इस सत्र में आपने लखनऊ और मुम्बई के विरुद्ध उपयोगी पारियां खेली। खासकर मुम्बई के विरुद्ध 28 गेंदों में शानदार 41 रन और कप्तान सैम करन के साथ 92 रनो की पार्टनरशिप। इसके अलावा अर्शदीप सिंह की स्टंप तोडऩे वाली गेंदबाजी। इस शानदार अनुभव पर कुछ बताएं।
जवाब – जब मुझे प्लेइंग 11 में स्थान मिला, तो मुझ पर थोड़ा दबाव था, क्योंकि मैं लंबे अर्से के बाद आईपीएल में वापसी कर रहा था। परिवार और दोस्तो को मुझसे बहुत उम्मीदें थीं। यह बात भी जेहन में थी कि इससे पहले आईपीएल में जो कमी रह गयी थी, उन सबसे आगे बढ़कर मुझे अपने आप को तैयार करना। मैं आईपीएल को लेकर बहुत बड़े तौर पर नही सोच रहा था। मेरी कोशिश थी, चीज़ों को सामान्य रखने की और जिस तरह की सोच को लेकर मैं डोमेस्टिक क्रिकेट खेलता था, ठीक इसी तरह की सोच मेरी आईपीएल को लेकर थी। मैं ज्यादा सोचकर इसे जटिल नही बनाना चाहता था। मुम्बई के विरुद्ध उस मैच में अर्शदीप ने आखिरी ओवर में बहुत अच्छी तरह से स्कोर को डिफेंड किया था। अर्शदीप अंतिम के ओवरों में सटीक यॉर्कर के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने वही किया। उन्होंने लगातार 2 विकेट लेकर मैच का रुख पंजाब की तरफ कर दिया था।
सवाल – पंजाब के कप्तान शिखर धवन, जो खुद बाएं हाथ के बल्लेबाज़ है और कप्तानी में भी वो काफ़ी शांत नजर आते हैं, उनसे क्या कुछ सीखने मिला?
जवाब – जी, बिल्कुल शिखर काफी शांत कप्तान हैं। वे क्रिकट को एन्जॉय करते हैं।और सभी खिलाडिय़ों को लगातार प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने बहुत अच्छे निर्णय लिए। एक खिलाड़ी के तौर पर मैं ये कहना चाहूंगा कि आगे हम उनको और अधिक रिटर्न देंगे, जिससे हमारी टीम और आगे जा पाए।
सवाल – आपका फेवरेट क्रिकेटर या ये कहे किआदर्श कौन है?
जवाब – ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज मैथ्यू हेडन मेरे फेवरेट क्रिकेटर हैं। मैंने क्रिकेट की शुरुआत से ही उन्हें फॉलो किया है। जब ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच होते थे, तब मैं सुबह उठकर टीवी में उनकी बल्लेबाज़ी देखा करता था।
सवाल – आपके कोच रेड्डी सर का किस तरह से आपको प्रोत्साहन मिला?
जवाब – सबसे पहले मैं उन्हें धन्यवाद दूंगा,जो उन्होंने मुझे इस खेल की शुरुआत से ही सपोर्ट किया। मुझे प्रैक्टिस के लिए जो सुविधा चाहिए होती थी, जैसे स्लो पिच, फ़ास्ट पिच, वो सब उन्होंने मुझे वक़्त पर उपलब्ध कराई है। एक खिलाडी को कोच से जो समर्थन चाहिए होता है, वो मुझे उनसे पूरी तरह मिला।
सवाल – इंग्लैंड में आपने डोमेस्टिक क्रिकेट खेला है, वहाँ खेलने का अलग ही अनुभव होगा। उस पर बताएं।
जवाब – जी, इंग्लैंड में मैं यॉर्कशायर के लिए खेल चुका हूँ। वहां की कंडीशन्स बहुत ही मजेदार होने के साथ साथ काफी चुनौतीपूर्ण होती है। वहां का मौसम बहुत जल्दी बदलता है, इसलिए वहाँ गेम अवेयरनेस होना बहुत जरूरी है। मुझे एक मैच याद आता है, जब खेल के दौरान बारिश हो रही थी, पर इतनी तेज बारिश नही थी कि खेल रोक दिया जाए। बारिश होने से पहले गेंद स्विंग हो रही थी। पर कुछ समय बाद बारिश की वजह से गेंद गीली हो गई और बल्ले पर आसानी से आने लगी। इससे बल्लेबाजी आसान हो गयी थी।
सवाल – छत्तीसगढ़ के युवा साथी, जो क्रिकेट में अपना कैरियर बनाना चाहते है, उनको आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब – सबसे पहली बात यह कि आज के समय में आपको मानसिक और शारीरिक रुप से टफ होना होगा। साथ ही आप किसी बात पर बहाने ना बनाएं। अपना काम करते रहें और लगातार मेहनत करते रहैं। आपके अंदर हालात के प्रति सकारात्मक होना भी बहुत जरूरी है। यदि आप ऐसा कर पाते है तो बहुत आगे तक जा पाएंगे।
हरप्रीत जब 10 वर्ष के थे तब से मैंने उनको कोचिंग दी है हमारे राजहरा माइंस में हर वर्ष आल इंडिया टूर्नामेंट का आयोजन होता था वहां इन्होंने शरूआत में टेनिस बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया उस दौरान मुंबई की एक टीम के कोच ने सुझाव दिया कि यह लड़का टैलेंटेड है इसको ग्रूम करना चाहिए। उस समय हरप्रीत की लेग स्पिनर की कोचिंग हो रही थी उसके बाद धीरे धीरे वे बल्लेबाज़ी में चमकते गए । हरप्रीत जब 14 वर्ष के थे उस दौरान चरोदा में एक टूर्नामेंट में फाइनल मैच राजहरा माइंस और रेलवे के बीच हो रहा था,एक खिलाड़ी के चोटिल हो जाने से हरप्रीत को टीम में मौक़ा दिया गया और उन्होंने खडग़पुर के गेंदबाज जय शुक्ला के एक ओवर में लगातार चार चौके लगाएं उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नही देखा और वे आगे बढ़ते गए। साथ ही हमे राजहरा माइंस प्रबंधन से लगातार सपोर्ट प्राप्त हुआ जिसके लिए मैं प्रबंधन का आभारी हूँ ।
सुरेश कुमार रेड्डी,हरप्रीत सिंग भाटिया के कोच