रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में अब गोबर (cow dung) , ‘गोबर’ नहीं रहेगा। पशुधन के साथ ही उनका गोबर भी प्रदेश (chhattisgarh) के किसानों-पशुपालकों की आय बढ़ाएगा। किसानों व पशुपालक गाेबर (cow dung) बेच (sell) सकेंगे और इसकी खरीदी राज्य सरकार गोबर (cow dung) खरीदेगी। आठ दिन में गोबर की दर भी तय हो जाएगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने इसका ऐलान किया।
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दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) राज्य में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में चराई की रोकथाम के लिए ‘गोधन न्याय योजना’ शुरू करने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत किसानों से पशुधन का गोबर खरीदा जाएगा। गोबर से वर्मी खाद बनाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ होगा पहला राज्य
योजना के शुरू होते ही पशुपालकों से गोबर खरीदने वाला छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) देश का पहला राज्य बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना की शुरुआत राज्य में हरेली पर्व के शुभ दिन से होगी। इस दिन से गोबर खरीदी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से सड़कों एवं शहरों में जहां-तहां आवारा घुमते पशुओं के प्रबंधन एवं पर्यावरण की रक्षा भी हो सकेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को अपने निवास कार्यालय के सभा कक्ष में ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार की इस अभिनव योजना की जानकारी दी।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि गोधन न्याय योजना का उद्देश्य प्रदेश (chhattisgarh) में गौपालन को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी सुरक्षा और उसके माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, मुख्य सचिव आरपी मण्डल के अलावा अन्य अधिकारी व मंत्री भी उपस्थित थे। योजना के तहत किसान व पशुपालक अपने पशुओं का गोबर बेच (sell) सकेंगे।
योजना की सीएम ने बताईं ये खूबियां
- योजना को पूरी तरह से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के आधार पर तैयार किया गया है।
- इससे अतिरिक्त आमदनी सृजित होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- वर्मी कम्पोस्ट के जरिए हम जैविक खेती की ओर बढेंगे।
- इसका बहुत बड़ा मार्केट उपलब्ध है।गोधन न्याय योजना से तैयार होने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री सहकारी समितियों के माध्यम से होगी।
- किसानों के साथ-साथ वन विभाग, कृषि, उद्यानिकी, नगरीय प्रशासन विभाग को पौधरोपण एवं उद्यानिकी खेती के समय बड़ी मात्रा में खाद की आवश्यकता होती है।
- इसकी आपूर्ति इस योजना के माध्यम से उत्पादित खाद से हो सकेगी।
- अतिरिक्त जैविक खाद की मार्केटिंग की व्यवस्था भी सरकार करेगी।
8 दिन में दर निर्धारण, समिति गठित
बघेल ने कहा कि पशुपालकों से गोबर क्रय करने के लिए दर निर्धारित की जाएगी। दर के निर्धारण के लिए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मंत्री मण्डलीय उप समिति गठित की गई है। इस समिति में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल शामिल किए गए हैं। यह समिति राज्य में किसानों, पशुपालकों, गौ-शाला संचालकों एवं बुद्धिजीवियों के सुझावों के अनुसार आठ दिवस में गोबर क्रय का दर निर्धारित करेगी।
उत्पादन विक्रय के लिए सचिवों की समिति
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर खरीदी से लेकर उसके वित्तीय प्रबंधन एवं वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से लेकर उसके विक्रय तक की प्रक्रिया के निर्धारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख सचिवों एवं सचिवों की एक कमेटी गठित की गई है।
सीएम ने सुझाव देने का भी किया आग्रह
यह योजना राज्य में अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी और इसके दूरगामी परिणाम होंगे। इसके माध्यम से गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने किसानों, पशुपालकों एवं बुद्धिजीवियों से राज्य में गोबर खरीदी के दर निर्धारण के संबंध में सुझाव देने का भी आग्रह किया।