Chhattisgarh Contractor Blacklist : छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई सामने आई है। विभागीय जांच में खुलासा हुआ है कि 23 ठेकेदारों और उनकी फर्मों ने 108 टेंडरों में भारी गड़बड़ी की। इन ठेकेदारों ने फर्जी जानकारी देकर, अनुभव छुपाकर और एक ही समय में कई प्रोजेक्ट लेकर करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया। अब विभाग ने इन सभी को ब्लैकलिस्ट करने और FIR दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है।
किन परियोजनाओं पर पड़ा असर?
सूत्रों के अनुसार इस घोटाले से कई महत्वपूर्ण सिंचाई और जल परियोजनाएं प्रभावित हुईं—
केलो परियोजना
शंकरगढ़ डायवर्सन योजना
हंसदेव बांगो परियोजना
बिछिया स्टॉप डेम
पाराकोट जलाशय
कटालीब एनीकट
इन प्रोजेक्ट्स में अनुचित देरी हुई और राज्य सरकार(Chhattisgarh Contractor Blacklist) को करोड़ों का वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा।
जांच में कैसे हुआ खुलासा?
शुरुआत में जल संसाधन विभाग ने 39 ठेकेदारों की सूची लोक निर्माण विभाग (PWD) को भेजी थी।
विस्तृत जांच के बाद यह साबित हुआ कि 23 ठेकेदारों ने गंभीर अनियमितताएं की हैं।
रिपोर्ट में लिखा गया कि इन फर्मों ने गलत विवरण और फर्जी दस्तावेज देकर सरकारी खजाने को चपत लगाई।
लोक निर्माण विभाग ने अपनी रिपोर्ट जल संसाधन विभाग को सौंप दी, जिसके बाद ब्लैकलिस्टिंग प्रक्रिया शुरू हुई।
विभाग की कार्रवाई
ब्लैकलिस्ट किए गए ठेकेदारों को एक वर्ष तक सरकारी टेंडरों(Chhattisgarh Contractor Blacklist) में भाग लेने से रोका जाएगा।
उनकी जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी।
बाकी ठेकेदारों की जांच भी जारी है।
अधिकारियों ने कहा कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ी रोकने के लिए कड़े प्रावधान लागू होंगे।