Chhattisgarh Construction Tenders : लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने लंबे इंतजार के बाद टेंडर नियमों में बड़ा बदलाव किया है। करीब 13 साल बाद किए गए इन संशोधनों का उद्देश्य ठेकेदारों की आपसी सांठगांठ को रोकना और बार-बार री-टेंडर की नौबत खत्म करना है। अब नई व्यवस्था में यदि ठेकेदार समान दर (लोएस्ट रेट) कोट करते हैं, तब भी काम निरस्त नहीं होगा। इसके बजाय बोली उसी ठेकेदार को दी जाएगी जिसकी बिड कैपेसिटी अधिक होगी।
यह बदलाव 2012 के बाद पहली बार किया गया है। विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, डीएनआईटी (Detailed Notice Inviting Tender) की कंडिका 4.6 और लंपसम कांट्रैक्ट फार्म-एफ की कंडिका 2.9 में संशोधन किया गया है।
जमानत राशि बढ़ाई गई
नए नियमों में जमानत राशि (Earnest Money Deposit) भी बढ़ा दी गई है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि अगर एल-1 ठेकेदार (Chhattisgarh Construction Tenders) काम करने से पीछे हटे, तो उसे भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़े। इससे ठेके लेकर छोड़ने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा और निर्माण कार्यों की गति प्रभावित नहीं होगी।
पारदर्शिता और गुणवत्ता की उम्मीद
नई व्यवस्था से टेंडर प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल निर्माण (Chhattisgarh Construction Tenders) कार्यों की गति बढ़ेगी, बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और इसकी जानकारी विधि, विधायी और वित्त विभागों को भी भेजी गई है।