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चरणजीत सिंह चन्नी ने ली पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ, डिप्टी CM का नाम अभी तक तय नहीं

Charanjit Singh Channi took oath as the Chief Minister of Punjab, the name of the Deputy CM is yet to be decided

CM Charanjit Oath

चंडीगढ़। CM Charanjit Oath : नवनियुक्त दलित-सिख मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने एक सादे समारोह में अपने दो मंत्रियों सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी के साथ पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी, जो अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पिछली मंत्रिपरिषद में भी थे,उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाये जाने की कवायद तेज है,लेकिन पार्टी ने अभी तक औपचारिक घोषणा नहीं की है। दो मंत्रियों में एक सिख और दूसरा हिंदू समुदाय से है। सूत्रों का कहना है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा को उप मुख्यमंत्री बनाया जाना तय है, जबकि दूसरे डिप्टी सीएम का नाम अभी तक तय नहीं हुआ है।

शपथ (CM Charanjit Oath) ग्रहण समारोह लगभग समाप्त होने के बाद कांग्रेस के आला नेता राहुल गांधी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह समारोह में अनुपस्थित थे।

अमरिंदर सिंह ने ट्वीट पर अपने उत्तराधिकारी को बधाई देते हुए कहा, “चरणजीत सिंह चन्नी को मेरी शुभकामनाएं। मुझे उम्मीद है कि वह पंजाब के सीमावर्ती राज्य को सुरक्षित रखने और सीमा पार से बढ़ते सुरक्षा खतरे से हमारे लोगों की रक्षा करने में सक्षम होंगे।”

शपथ ग्रान के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब के नवनियुक्त CM चन्नी को शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि “चरणजीत सिंह चन्नी जी को नई जिम्मेदारी के लिए बधाई। हमें पंजाब के लोगों से किए गए वादों को पूरा करना जारी रखना चाहिए। उनका विश्वास सर्वोपरि है।”

शपथ ग्रहण समारोह से पहले मनोनीत मुख्यमंत्री (CM Charanjit Oath) ने सोमवार सुबह अपने गृह क्षेत्र चमकौर साहिब स्थित गुरुद्वारा कटालगढ़ साहिब में मत्था टेका। चन्नी के साथ उनका परिवार भी था।

CM Charanjit Oath

रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से तीन बार के विधायक, चन्नी 2012 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और निवर्तमान कैबिनेट में तकनीकी शिक्षा, औद्योगिक प्रशिक्षण, रोजगार सृजन और पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के विभागों को संभाल रहे थे। चन्नी दलित समाज के रामदसिया समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उनकी नियुक्ति के साथ, कांग्रेस मार्च 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले 32 प्रतिशत दलित मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है।

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