-करीब 50 साल बाद रूस का अंतरिक्ष यान आज चांद के लिए उड़ान भरेगा
नई दिल्ली। chandrayaan 3: इस साल 23 अगस्त का दिन भारत और दुनिया के लिए बेहद खास होने वाला है। इस दिन पहली बार दो देशों के अंतरिक्ष यान चंद्रमा के दक्षिणी सिरे पर एक साथ उतरेंगे। अभी तक किसी भी देश का अंतरिक्ष यान चंद्रमा के इतने दूर तक नहीं पहुंच सका है। भारत और रूस दो ऐसे देश हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। भारत ने पिछले साल चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यान भेजा था लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहा।
रूस आज चांद पर भेजेगा अंतरिक्ष यान!
रिपोट्र्स के मुताबिक, रूस (रूस मून मिशन) शुक्रवार यानी आज 50 साल बाद चंद्रमा पर पहला अंतरिक्ष यान भेजेगा। 1976 के बाद आज तक उन्होंने चांद पर एक भी मिशन नहीं भेजा है। आज वह चंद्रमा पर अपना ‘लूना-25’ (Luna-25) अंतरिक्ष यान भेजेगा। यान को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की मदद के बिना लॉन्च किया जाएगा। रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद मास्को के साथ सहयोग समाप्त हो गया है।
23 अगस्त 2023 को बनेगा एक नया इतिहास…
रिपोट्र्स के मुताबिक, रूसी अंतरिक्ष यान 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचने की संभावना है। यह वह तारीख है जब 14 जुलाई को लॉन्च किए गए भारत के चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर कदम रखने की उम्मीद है। दोनों देशों का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर अपने यान उतारने का है।
अभी तक कोई भी देश इस क्षेत्र पर अपने अंतरिक्ष यान की सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफल नहीं हुआ है। चंद्रमा पर पहुंचने वाले तीन देश संयुक्त राज्य अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन चंद्रमा के उत्तरी हिस्से पर सुरक्षित उतरने में भी कामयाब रहे हैं।
पिछली बार भारत नहीं कर सका सुरक्षित लैंडिंग!
भारत (भारत मून मिशन 2023) ने पिछले साल अपने पहले प्रयास में चंद्रयान-2 को चंद्रमा पर भेजा था। हालाँकि, वह सुरक्षित रूप से अपनी सॉफ्ट लैंडिंग करने में असमर्थ रहा, जिससे उसका लैंडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
अब पुराने अंतरिक्ष यान की कमी को दूर करते हुए भारत ने एक नया अंतरिक्ष यान भेजा है, जिसके 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी सिरे पर उतरने की संभावना है। यदि यह मिशन सफल रहा तो भारत भी उन सफल देशों की कतार में शामिल हो जाएगा, जो चंद्रमा पर अपना अंतरिक्ष यान भेजने में सक्षम है।