-हमारे जीवन में कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष शत्रु होते हैं
Chanakya niti: चाहे जीवन में चुनौतियाँ हों, शत्रु द्वारा उत्पन्न समस्याएँ हों या कोई अन्य प्रश्न हो। इन सब पर काबू पाने का उपाय चाणक्य नीति में बताया गया है। आज हम शत्रु पर विजय प्राप्त करने के उपाय के बारे में बात कर रहे हैं। महान कूटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने शत्रु को परास्त करने के उपाय बताए हैं। इन तरीकों का पालन करना हमारे लिए आसान है।
आचार्य चाणक्य (Chanakya niti) कहते हैं, मित्र न होना ठीक है लेकिन शत्रु मत बनाओ और यदि शत्रु हैं तो अपने कर्मों से उन्हें नष्ट कर दो। इस विशेष रहस्य के लिए!
खुश रहो:
आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में कहा है कि शत्रु चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, वह अपनी खुशी नहीं देखता। इसलिए चाहे आप अंदर से कितने भी थके हुए हों, बाहर से उनके सामने हमेशा खुश रहें। इसमें शत्रु की आधी शक्ति नष्ट हो जायेगी। इसे आसानी से हराया जा सकता है। मुस्कुराना, खुश रहना यह दिखाना है कि दुश्मन आपको कितनी भी तकलीफ दे, उसका आप पर कोई असर नहीं होता। इससे शत्रु बेचैन हो जाएगा और क्रोध में आकर गलत कार्य करेगा और अपने ही जाल में फंस जाएगा।
उत्तर देने से बचें:
हमारी प्रतिक्रिया देने की बुरी आदत है। नुकसान आपका है। जब दुश्मन आपको उकसाने की कोशिश करे तो चुप रहना ही सबसे अच्छा है। कहते हैं खामोशी से सब कुछ हासिल हो जाता है! यानी सामने वाले को चुपचाप जवाब दें। प्रतिक्रिया करने में ऊर्जा बर्बाद किए बिना अपने कार्यों से दुश्मन को जवाब दें।
आपकी चुप्पी कमजोरी की निशानी नहीं, आपकी ऊर्जा है। उस ऊर्जा का उपयोग किसी नकारात्मक चीज़ के लिए करने के बजाय, इसका उपयोग सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए करें। इस कार्रवाई से दुश्मन स्वचालित रूप से अपने हथियार गिरा देगा।
क्रोध पर नियंत्रण:
युद्ध जीतने के लिए क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा। यदि नहीं तो आपका गुस्सा आप पर भारी पड़ेगा। गुस्से में इंसान खुद को पूरी तरह भूल जाता है, जब उसे एहसास होता है कि समय बीत चुका है। बाद में प्रतिक्रिया देने की बजाय अपने गुस्से पर नियंत्रण रखें। शांत मन से युद्ध जीता जा सकता है। शतरंज का खेल हमें यही सिखाता है। यदि आप शत्रु पर विजय पाना चाहते हैं तो शांत मन से युद्ध की तैयारी करें, सफलता आपके पास आएगी।