Site icon Navpradesh

Chanakya Niti Hindi: ‘इन’ 3 चीजों से कभी नहीं मिलती संतुष्टि, आज ही छोड़ दें

Chanakya Niti Hindi,

चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर राजनयिक, अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाते थे। उनकी तीक्ष्ण बुद्धि से सभी प्रभावित थे। इसलिए उन्हें कौटिल्य कहा गया। नैतिकता के माध्यम से जीवन जीने के लिए जरूरी बातें बताईं। आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti Hindi)की नीतियां व्यक्ति को कठिन समय में दृढ़ता की कला सिखाती हैं। चाणक्य की नीति व्यक्ति को अच्छी और बुरी चीजों को पहचानने और शांतिपूर्ण जीवन जीने की क्षमता देती है। यदि आप वास्तव में एक सुखी, समृद्ध, संतुष्ट जीवन जीना चाहते हैं, तो चाणक्यनीति के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करें।

चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti Hindi)ने बहुत सी बातों का वर्णन किया है। आचार्य चाणक्य ने जीवन में आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन, नौकरी, व्यापार, मित्रता, शत्रुओं को लेकर कुछ भविष्यवाणियां की हैं। चाणक्यनीति कई वर्षों के बाद भी जीवन में उपयोगी हो जाती है।

ये 3 चीजें हैं आर्थिक संकट के संकेत

आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti Hindi)की नैतिकता पर लिखी पुस्तकों ने कई महत्वपूर्ण बातों पर मार्गदर्शन दिया है। जीवन के उतार-चढ़ाव में चाणक्यनीति उपयोगी है। आचार्य चाणक्य का कहना है कि ऐसी कई चीजें हैं जो जीवन को उलझा देती हैं। समय रहते इन चीजों से छुटकारा पाना ही बेहतर है। लेकिन मनुष्य इस प्रलोभन से मुक्त नहीं होता और इसलिए मनुष्य दुखी रहता है। आइए जानते हैं 3 चीजें जो आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई लोगों में वासना पैदा करती हैं।

पैसा

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य के पास चाहे कितना भी धन क्यों न हो, उसका मन कभी नहीं भरता। अधिक धन होने के बावजूद भी मनुष्य के मन में अधिक कमाने की इच्छा बनी रहती है। मनुष्य की धन-दौलत की लालसा उसे भटका देती है और वह ऐसे दलदल में फंस जाता है जिससे निकलना मुश्किल है। इसलिए अमीर होने से बेहतर है कि जो आपके पास है उसी में संतुष्ट रहें।

जिंदगी जीने की चाहत

एक दिन वह ऐसे मरेगा जैसे वह पैदा हुआ हो। हालांकि, हर आदमी की इच्छा कई सालों तक जीने की होती है। कोई कितना भी जिए, मौत से डरता है। कितनी भी बीमारियाँ क्यों न हो जाएँ, इंसान जीने की तमन्ना मन में रखता है। इसके विपरीत आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को बहुत लंबा जीवन जीने से अच्छा बेहतर जीवन जीने के बारे में सोचना चाहिए।

आहार

चाणक्य सिद्धांत के अनुसार व्यक्ति को हमेशा संतुलित आहार लेना चाहिए। उतना ही खाएं जितना शरीर को चाहिए। हालांकि, अगर आपको खाने का स्वाद पसंद है, तो आप इसे ज्यादा खाएंगे। ज्यादा खाना पेट में चला जाए तो यह शरीर के लिए हानिकारक होता है इसलिए कम खाएं लेकिन संतुष्टि के साथ खाएं।

Exit mobile version