नई दिल्ली, नवप्रदेश। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य जीवन को लेकर बहुत सी बातें कहीं हैं। उनकी नीतियों में ज्ञान का अद्भुत भंडार छिपा हुआ है। उनकी बताई गई नीतियां और बातें आज भी उतनी ही कारगर हैं, जितनी कि पहले समय में थीं।
उनकी नीतियों का जिन लोगों ने अनुसरण किया, उन्होंने जिंदगी में सफलता अर्जित (Chanakya Niti) की। आचार्य चाणक्य ने इंसान के आर्थिक जीवन से लेकर वैवाहिक जिंदगी को लेकर भी बातें बताई हैं। उनकी ये नीतियां कई तरह की परेशानियों के लिए रामबाण मानी गई हैं।
दान – इंसान को पैसा कमाने के बाद हमेशा संचय या बचत नहीं करना चाहिए। उसका एक हिस्सा दान या अच्छे कर्मों में लगाना (Chanakya Niti) चाहिए। ज्यादा कंजूसी करने वाले लोगों के घर भी मां लक्ष्मी नहीं रुकती हैं।
अच्छे कर्म – चाणक्य नीति के अनुसार, मनुष्य का कर्म ही अच्छे-बुरे फल प्रदान करता है। ऐसे में अच्छे कर्म करते जाइए, बुरे कर्म का परिणाम एक दिन बुरा ही होगा। बुरे कर्म का फल इंसान को दरिद्रता, दुख, रोग, बंधन और विपत्तियों के रूप में मिलात (Chanakya Niti) है।
नैतिक कर्म – इंसान को हमेशा नैतिक कर्मों द्वारा ही पैसा कमाना चाहिए। बुरे कर्म या किसी को दुख या धोखा देकर कमाया गया धन अधिक समय तक नहीं रुकता है। ऐसा धन किसी न किसी तरह खर्च हो जाता है। ऐसे इंसान को फिर जीवन भर कंगाली का सामना करना पड़ता है।
पैसों की कद्र – आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि पैसा कमाने के बाद उसकी बचत जरूर करें, लेकिन पैसे की हमेशा कद्र करें। जो लोग धन का कद्र नहीं करते, ऐसे लोगों से मां लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं और चले जाती हैं। ऐसे लोगों को फिर गरीबी और दरिद्रता का सामना करना पड़ता है।