नई दिल्ली, नवप्रदेश। आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। आचार्य चाणक्य ने नीति ग्रंथ में मनुष्य के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया है। कहा जाता है कि इन नीतियों को अपनाने से जातक को जीवन में सफलता जरूर हासिल होती है।
आचार्य चाणक्य की ये नीतियां जातक की मुश्किल समय में सही निर्णय लेने में भी मदद करती (Chanakya niti) हैं। एक श्लोक में आचार्य ने बताया है कि व्यक्ति को कौन-सी चीजें कड़ी मेहनत के बाद ही हासिल होती हैं। आप भी जान लें-
भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर वरांगना।
विभवो दानशक्तिश्च नाऽल्पस्य तपसः फलम् ॥
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भोजन के लिए अच्छे पदार्थों का प्राप्त होना, उन्हें खाकर पचाने की शक्ति होना, सुंदर स्त्री का मिलना, उसके उपभोग के लिए कामशक्ति होना, धन के साथ-साथ दान देने की इच्छा होना ये बातें मनुष्य को किसी महान तप के कारण प्राप्त होती (Chanakya niti) हैं।
भोजन में अच्छी वस्तुओं की कामना सभी करते हैं, लेकिन उनका प्राप्त होना और उन्हें पचाने की शक्ति होना भी जरूरी है। पहर व्यक्ति चाहता है कि उसकी पत्नी सुंदर हो, लेकिन उसके उपभोग के लिए व्यक्ति में कामशक्ति भी होनी चाहिए।
हर व्यक्ति चाहता है कि उसके पास धन हो, लेकिन धन प्राप्ति के बाद कितने ऐसे लोग हैं, जो उसका सदुपयोग कर पाते (Chanakya niti) हैं। धन का सदुपयोग दान में ही है।
अच्छी जीवन संगिनी, शारीरिक शक्ति, पौरुष एवं निरोगता, धन और वक्त जरूरत पर किसी के काम आने की प्रवृत्ति आदि पूर्वजन्मों में किन्हीं शुभ कार्यों द्वारा ही प्राप्त होते हैं। तपस: फलम् का अर्थ है कठोर श्रम और आत्मसंयम।