नई दिल्ली। इंसान के जीवन में दुख और सुख आता जाता रहता है। ठीक उसी तरह जिस तरह दिन के बाद रात और रात के बाद दिन आना निश्चत है। चाणक्य (Chanakya Neeti) ने यह बातें अपनी नीति शास्त्र में भी कहा है।
वैसे ही दुख के बाद सुख आना निश्चित ही है। इंसान दुख के समय बहुत घबरा जाता है, लेकिन दुख में इंसान को संयम रखना चाहिए और उस समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए।
आइए जानते हैं इस मुश्किल भरे समय में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आचार्य चाणक्य (Chanakya Neeti) ने मुश्किल में किस तरह संयम रखना चाहिए। वो बातें अपनी नीति में बताई ।
- संकट की घड़ी में आचार्य चाणक्य (Chanakya Neeti) ने ठोस रणनीति को तैयार करने पर जोर डाला है। इस अवस्था में यदि हमारी रणनीति कारगर नहीं रही तो हमें अपनी गलत योजनाओं का दुशपरिणाम उठाना होगा। इसलिए संकट की घड़ी के लिए चरणबद्ध तरीके से रणनीति तैयार करनी चाहिए।
2.आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि मुश्किल समय में हमें बेहद सजग रहना चाहिए। क्योंकि मुश्किल घड़ी में इंसान के पास सीमित समय होता है, जबकि परेशानियां बड़ी होती हैं। ऐसे में यदि हम सावधानियों से काम नहीं लेते हैं तो बड़ी चूक हो सकती है।
3.आचार्य चाणक्य बताते हैं मुश्किल वक्त में धन सबसे बड़ा मित्र होता है। अगर आपके पास धन का प्रबंध ठीक है तो आप बड़े से बड़े संकट से आसानी से उबर सकते हैं। जिस व्यक्ति के पास संकट के समय धन का अभाव होता है उसके लिए संकट का समय बहुत कष्टदायक होता है। इसलिए धन का संचय करना बेहद जरूरी है।