chanakya neeti: बुद्धिमान माता-पिता को अपनी पुत्री का विवाह सदैव श्रेष्ठ परिवार में ही करने की चेष्टा करनी चाहिए। पुत्र को उत्तम विद्या ज्ञान प्राप्त करने में प्रवृत्त करने के प्रति सतर्क करना चाहिए। शत्रु को किसी न किसी संकट में उलझाये रखने का प्रयास करना चाहिए तथा मित्र को परोपकार या धर्म कार्य करने की प्रेरणा देते रहना चाहिए।
अभिप्राय है कि उपरोक्त सभी बातों पर नियमपूर्वक अटल (chanakya neeti) रहने वाले मनुष्य का जीवन हमेशा सुखमय रहता है। समर्थ और शक्तिशाली व्यक्ति के लिए कोई काम करना कठिन नहीं होता, वे जो चाहते हैं कर गुजरते हैं। व्यापारी के लिए कोई भी दूरी उसके व्यापार कार्य में बाधक नहीं बनती, बड़े उत्साह के साथ वह दूरी को तय कर लेता है।
विद्वान व्यक्ति के लिए कोई देश पराया नहीं होता। मधुर वचन बोलने वाले व्यक्ति का कोई भी शत्रु नहीं होता। उसके लिए सभी के द्वार हमेशा खुले रहते हैं। वे अपनी मधुर वाणी से सभी को अपना मित्र बना लेते हैं।
अभिप्राय यह है कि शक्ति-कार्य सिद्धि का, व्यापारी-दूर-समीप के अन्तर को मिटाने का, विद्या-देश-विदेश को एक समान रूप देने का तथा मधुर वचन-शत्रुता मिटाने व मित्रता बढ़ाने का साधन है।