chanakya neeti: मनुष्य के समस्त ज्ञान का आधार श्रवण है। वेदादि शास्त्रों का श्रवण करके ही साधक अपने कर्तव्य का निश्चय करता है। विद्वानों के प्रवचन सुनकर ही मनुष्य अपने मूर्खतापूर्ण व्यवहार का त्याग करता है।
गुरूजन श्रवण (chanakya neeti) करके ही साधक शिष्य संसार के जाल-जंजाल से मुक्त होने का उपाय जानता है। यानी मोक्ष प्राप्ति का साधन करता है।
यहां चाणक्य कहते हैं कि शास्त्रों के श्रवण (chanakya neeti) का मानव जीवन में सुबुद्धि लाने के लिय विशिष्ट महत्व एवं उपयोग है। अतः मनुष्य को शास्त्रों के श्रवण के लिए उत्सुकतापूर्वक प्रवृत्त होना चाहिए।