chanakya neeti: मित्र भाव
chanakya neeti: आचार्य चाणक्य ने व्यावहारिक तथ्य की ओर इशारा करते हुए लिखा है कि जो व्यक्ति पीठ पीछे किसी की निन्दा करता है और मुख के सामने मीठी वाणी बोलता है, जो व्यक्ति उस घड़े के समान व्यवहार करता है।
जिसमें ऊपर दूध नजर आता है अन्दर विष भरा है, तो ऐसा व्यक्ति न तो विश्वसनीय होता है और न ही सच्चा मित्र, ऐसे व्यक्ति को तो त्यागने में ही भलाई है।
आचार्य चाणक्य (chanakya neeti) सच्चे व्यक्ति की पहचान बताते हुए कहते हैं कि कुछ व्यक्ति मुंह पर तो चिकनी-चुपड़ी बातें करते हैं, किन्तु बाद में निन्दा से बाज नहीं आते। ऐसे लोग पीठ में छुरा भौंकने वाले होते हैं। जो व्यक्ति ऐसे लोगों पर विश्वास करता है।
उस व्यक्ति का मृत्यु योग निकट ही जानिये। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इसके विपरीत मुंह पर कटु बोलने वाला और पीठ पीछे बढ़ाई करने वाला व्यक्ति ही सच्चा मित्र होता है, हितैषी होता है।