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Chanakya Neeti : इन चार लोगों के उपर कभी न करें गुस्सा, वरना जिंदगी भर पछताने के अलावा कुछ नहीं मिलेगा

Chanakya Neeti,

नई दिल्ली/ नवप्रदेश। चाणक्य नीति में बताई गई बातें आचार्य चाणक्य के द्वारा आपके जीवन को सरल बना सकती हैं। चाणक्य नीति में बताई गईं बातें अगर आप अपने जीवन में उतारते हैं तो आपका जीवन काफी ज्यादा सरल बन (Chanakya Neeti) सकता है।

आचार्य चाणक्य के द्वारा बताई गईं बातों से आप ऐसे कई मामलों को सरल बना सकते हैं जिनसे आपके जीवन में परेशानियां बढ़ (Chanakya Neeti) सकती हैं।

आचार्य चाणक्य की नीतियों में बताया गया है कि गुस्सा करने से आप कई सारी परेशानियों को न्यौता दे (Chanakya Neeti) सकते हैं। आप अपने गुस्से से अपने करीबीयों को भी हर्ट कर सकते हैं।

इसलिए आचार्य चाणक्य नीति के अनुसार गुस्से में भी आप ऐसे लोगों पर गुस्सा करने से बचें। जिससे आप काफी ज्यादा प्यार करते हैं। वरना आप जिंदगी भर पछताते रह जाएंगे।

चाणक्य नीति के अनुसार इन 4 लोगों पर कभी गुस्सा न करें…

  1. परिजनों से न करें झगड़ा: चाणक्य नीति के अनुसार, परिजन और रिश्तेदार अक्सर हमें अच्छे और बुरे की समझ करवाते हैं. ऐसे में परिजनों से झगड़ा करना अपने शुभचिंतकों को खोने के बराबर है। इससे न सिर्फ बाद में आपको पछतावा हो सकता है, बल्कि भविष्य में आपको सही रास्ता दिखाने वाले परिजन भी आपसे दूर हो सकते हैं।
  2. मूर्ख व्यक्तियों से न करें बहस: आचार्य चाणक्य के मुताबिक, मूर्ख लोगों से लड़ाई करना भैंस के आगे बीन बजाने के समान है. ऐसे लोग हमेशा अपनी बात मनवाने के लिए बिना सिर पैर के तर्क देना शुरू कर देते हैं, जिनसे झगड़ा करके आप अपना कीमती समय नष्ट करने के साथ-साथ मूड भी खराब कर लेते हैं। ऐसे में मूर्ख लोगों से झगड़ा न करना ही बेहतर है।
  3. दोस्तों से न करें अनबन: दोस्ती का रिश्ता जिंदगी के खास रिश्तों में शुमार होता है. हंसी-मजाक करने से लेकर सीक्रेट्स शेयर करने तक दोस्ती हर कदम पर आपका साथ देती है। वहीं, दोस्तों से झगड़ा करने पर आप अपना बेस्ट फ्रेंड खोने के अलावा एक भरोसेमंद रिश्ते से भी मुंह मोड़ लेते हैं और भविष्य में मुश्किल आने पर आपको अपने किए पर पछतावा होने लगता है।
  4. शिक्षक से न करें लड़ाई: गुरु की भूमिका सभी की जिंदगी में अहम होती है. एक अच्छा शिक्षक जिंदगी में आपका पथ प्रदर्शक साबित हो सकता है, हालांकि, कुछ लोग अक्सर गुस्से में आकर गुरु को भी बुरा-भला कहने से नहीं हिचकिचाते हैं, मगर ऐसा करके आप न सिर्फ गुरु बल्कि ज्ञान से भी दूरी बना लेते हैं।
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