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Chakradhar Samaroh Raigarh : छत्तीसगढ़ की संस्कृति और कला की पहचान है रायगढ़ का चक्रधर समारोह : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

Chakradhar Samaroh Raigarh

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Chakradhar Samaroh Raigarh : मुख्यमंत्री साय ने कहा कि चक्रधर समारोह छत्तीसगढ़ की परंपरा, इतिहास और कलाओं की सुंदरता को अनुभव करने का अद्भुत अवसर है। रायगढ़ का चक्रधर समारोह छत्तीसगढ़ की संस्कृति और कला की पहचान है। उन्होंने कहा कि गणेशोत्सव की परंपरा से जुड़ा यह आयोजन आज भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य की लय और माधुर्य से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध करता है। यह समारोह न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक अस्मिता को गौरवान्वित करता है।

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कला-प्रेमियों को हार्दिक आमंत्रण देते हुए कहा कि महाराजा चक्रधर सिंह जी की स्मृति में आयोजित यह समारोह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक यात्रा को और समृद्ध करता है। रायगढ़ की पुण्यभूमि, हमारी सांस्कृतिक धरोहर और कलाओं से परिपूर्ण(Chakradhar Samaroh Raigarh) है। यह वही धरती है जहाँ महाराजा चक्रधर सिंह जी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य को नई पहचान दी और रायगढ़ को कला की राजधानी बना दिया। उन्होंने समस्त कला-प्रेमियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे इस आयोजन का हिस्सा बनें और भारतीय कला-संस्कृति के माधुर्य का अनुभव करें।

मुख्यमंत्री  साय ने विश्वास व्यक्त किया कि चक्रधर समारोह की यह परंपरा आने वाली पीढ़ियों को कला और संस्कृति से जोड़ने का कार्य करेगी और न केवल रायगढ़, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक(Chakradhar Samaroh Raigarh) पहचान को भी सुदृढ़ बनाएगी।

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