Chakradhar Samaroh 2025 : छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने वाले अबूझमाड़ के मनोज प्रसाद के नेतृत्व वाला मलखम्ब दल आगामी 3 सितंबर को रायगढ़ में आयोजित 40वें चक्रधर समारोह में अपनी विशेष प्रस्तुति देगा। यह दल अपनी अद्वितीय कला, अनुशासन और कौशल के जरिए मलखम्ब की परंपरा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेगा।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान
वर्ष 2023 में इस दल ने इंडियाज़ गॉट टैलेंट जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई।
भूटान में आयोजित विश्व मलखम्ब चैंपियनशिप 2023 में दल के खिलाड़ियों ने स्वर्ण पदक हासिल किया।
खेलो इंडिया गेम्स और अन्य राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
अबूझमाड़ से विश्व मंच तक का सफर
सुदूर वनांचल अबूझमाड़ से निकलकर इस दल ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों(Chakradhar Samaroh 2025) पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। उनका सफर केवल खेल उपलब्धियों का नहीं, बल्कि कठिन परिश्रम, समर्पण और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है।
मलखम्ब: शक्ति, संतुलन और लचीलापन
मलखम्ब भारत का पारंपरिक खेल है, जिसमें खिलाड़ी खंभे या रस्सी पर योगासन और जिम्नास्टिक मुद्राएँ प्रस्तुत करते हैं।
इसमें शारीरिक शक्ति, संतुलन और लचीलेपन का अद्भुत संगम होता है।
‘मल्ल’ (पहलवान) और ‘खंभ’ (स्तंभ) से बना यह खेल महाराष्ट्र(Chakradhar Samaroh 2025) से उत्पन्न हुआ और आज विश्व स्तर पर लोकप्रिय हो रहा है।
चक्रधर समारोह 2025 में नई छटा
3 सितंबर को होने वाला यह प्रदर्शन न केवल दर्शकों को रोमांचित करेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि और खेल परंपरा का अद्वितीय परिचय भी देगा।