Chaitanya Baghel Chargesheet : बहुचर्चित शराब घोटाला केस में सोमवार को बड़ी हलचल देखने को मिली। प्रवर्तन एजेंसी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ करीब 7000 पन्नों का विस्तृत चालान कोर्ट में पेश किया। अधिकारी चार बंडल दस्तावेज लेकर अदालत पहुंचे। इसी बीच EOW और ACB ने भी चैतन्य से पूछताछ के लिए सात दिन की रिमांड की मांग की। हालांकि अदालत ने रिमांड पर तुरंत फैसला नहीं सुनाया और मंगलवार तक के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया।
ED की रिपोर्ट में 16.70 करोड़ की लेन-देन की बात
जांच एजेंसी का कहना है कि शराब कारोबार से हुई हेराफेरी का लगभग 16.70 करोड़ रुपये सीधे चैतन्य बघेल तक पहुंचे। यह रकम कथित तौर पर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स और निवेश योजनाओं के जरिए घुमाई गई।
सूत्रों के मुताबिक, बघेल डेवलपर्स के “विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट” में 13–15 करोड़ रुपये का वास्तविक निवेश (Chaitanya Baghel Chargesheet) हुआ, जबकि दस्तावेज़ों में केवल 7.14 करोड़ दर्ज किया गया। छापों के दौरान मिले डिजिटल सबूतों से यह भी सामने आया कि एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपये नकद भुगतान किया गया था, जिसकी एंट्री किसी भी रिकॉर्ड में नहीं है।
फ्लैट खरीदी और लेयरिंग का तरीका
जांच रिपोर्ट बताती है कि कथित मनी लॉन्ड्रिंग को छिपाने के लिए त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने एक ही दिन में 19 फ्लैट अपने कर्मचारियों के नाम पर खरीद लिए। भुगतान खुद ढिल्लो ने किया। कर्मचारियों से पूछताछ में यह बात सामने आई कि उन्हें न तो इन फ्लैट्स की जानकारी थी और न ही खरीद में कोई भूमिका।
भिलाई के एक ज्वेलर्स का मामला भी उजागर हुआ। आरोप है कि उसने चैतन्य को पांच करोड़ रुपये उधार दिए और बाद में उसी पैसे को वैध दिखाने के लिए छह प्लॉट खरीद लिए, जिनकी वास्तविक कीमत 80 लाख थी।
फ्रंट कंपनियों का जाल
एजेंसी का दावा है कि रकम को छिपाने और वैध दिखाने के लिए कई कंपनियों और व्यक्तियों के नाम इस्तेमाल किए गए। कभी ढिल्लो सिटी मॉल से पैसा घुमाया गया, कभी ढिल्लो ड्रिंक्स से कर्मचारियों के खातों में ट्रांसफर कर फिर बघेल डेवलपर्स तक पहुंचाया गया।
कैसे पहुंची एजेंसी तक कड़ी?
जांच में जुटे वकील सौरभ पांडेय के अनुसार, शराब घोटाले की रकम अलग-अलग चैनल से होकर अंततः चैतन्य तक पहुंचाई गई। इसमें अनवर ढेबर, दीपेंद्र चावड़ा, केके श्रीवास्तव और अन्य नामों का जिक्र है। मोबाइल चैट और ऑडियो रिकॉर्डिंग जैसी डिजिटल एविडेंस (Chaitanya Baghel Chargesheet) भी एजेंसी के पास हैं।
बचाव पक्ष का तर्क
चैतन्य बघेल की तरफ से वकील ने अदालत में कहा कि गिरफ्तारी केवल गवाहों के बयान पर आधारित है और यह राजनीतिक दबाव का नतीजा है। उनका कहना है कि न तो चैतन्य को समय पर नोटिस दिया गया और न ही उनका बयान दर्ज किया गया। वकील ने दलील दी कि चैतन्य ने हर पूछताछ में सहयोग किया है और उनका एकमात्र “अपराध” यह है कि वे पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे हैं।
अगली सुनवाई पर नज़र
अब सबकी नज़र मंगलवार को होने वाली सुनवाई पर है, जहां यह तय होगा कि चैतन्य को EOW और ACB की रिमांड पर भेजा जाएगा या नहीं। एजेंसी का कहना है कि उनके पास पर्याप्त दस्तावेज़ और गवाहों के बयान मौजूद हैं।