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CGPSC Recruitment Scam : पीएससी पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के कार्यकाल में अन्य परीक्षाएं भी संदेह के घेरे में

CGPSC Recruitment Scam

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CGPSC Recruitment Scam : छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती 2021 में सामने आए घोटाले की जांच में नए खुलासे जारी हैं। सीबीआई अब सिर्फ अभ्यर्थियों पर ही नहीं बल्कि उनके परिजनों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है। (CGPSC Recruitment Scam) जांच एजेंसी के रडार पर तत्कालीन राज्यपाल सचिव अमृत कुमार खलखो भी हैं, जिनके बेटे और बेटी का एक साथ चयन हुआ था। इसी तरह बस्तर नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी की पुत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदारों का नाम भी सामने आया है।

अब तक इस मामले में 12 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें सात अभ्यर्थी जेल में हैं। सीबीआई के सूत्रों के अनुसार जांच में यह भी सामने आया है कि 2021 की भर्ती परीक्षा के पहले और बाद में आयोजित अन्य परीक्षाओं में भी धांधली की गई थी। सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 में 1384 पदों पर चयन प्रक्रिया संदिग्ध पाई गई। (CGPSC Recruitment Scam) आरोप है कि अनुपस्थित अभ्यर्थियों को भी चयनित कर लिया गया और एक ही केंद्र पर बैठे 50 में से 36 उम्मीदवार सहायक प्राध्यापक बन गए।

बताया गया कि सीजीपीएससी 2021 की प्रारंभिक परीक्षा 13 फरवरी 2022 को हुई, जिसमें 171 पदों के लिए 2565 अभ्यर्थी पास हुए। मुख्य परीक्षा में 509 सफल हुए और 11 मई 2023 को अंतिम सूची में 170 नाम जारी किए गए। इसके बाद भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के आरोप गहराए।

टामन के रिश्तेदारों ने छुपाया नाम और सरनेम

जांच में खुलासा हुआ कि टामन सिंह सोनवानी के रिश्तेदारों ने फॉर्म भरते समय पति का नाम और सरनेम छुपाया। उनके भाई की बहू दीपा आदिल ने विवाह संबंधी कॉलम में तारीख भरते हुए पति का नाम नहीं लिखा। सीबीआई को यह भी पता चला कि टामन ने दीपा, मीशा, साहिल और नितेश को प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया था। परिणाम में साहिल और नितेश दोनों का सरनेम जानबूझकर हटाया गया। (CGPSC Recruitment Scam)

जीवन किशोर के घर से मिला प्रश्न पत्र

सीबीआई की छापेमारी में पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव के घर से प्रश्नपत्र और प्रैक्टिस आंसर सीट मिली। जांच में सामने आया कि परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने 2021 की मुख्य परीक्षा का पेपर 2020 में ही जेके ध्रुव को दे दिया था। टामन और आरती ने मिलकर पेपर पहुंचाया, जिससे सुमित ध्रुव ने पहले से तैयारी कर ली। (CGPSC Recruitment Scam)

ललित गणवीर की भूमिका

पूर्व सहायक परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर और टामन सिंह की मिलीभगत से कई अन्य अभ्यर्थियों को भी प्रश्नपत्र पहुंचाया गया। उद्योगपति श्रवण गोयल तक पेपर पहुंचा और इसके बदले उनकी ओर से एनजीओ को लाखों रुपये दिए गए।

अब तक 12 आरोपित गिरफ्तार

टामन सिंह सोनवानी, पूर्व अध्यक्ष

आरती वासनिक, पूर्व परीक्षा नियंत्रक

ललित गणवीर, पूर्व सहायक परीक्षा नियंत्रक

जीवन किशोर ध्रुव, पूर्व सचिव

सुमित ध्रुव

मीशा कोसले

दीपा आदिल

नितेश सोनवानी

साहिल सोनवानी

श्रवण कुमार गोयल

शशांक गोयल

भूमिका कटियार

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