जज बनने के इच्छुक गरीब विद्यार्थियों को पढ़ाती हैं नि:शुल्क
सुप्रीम कोर्ट से शुरू किया कॅरियर, विधिक मामलों में छग को ले जाना चाहती हैं नई ऊंचाई पर
रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ (cg young advocate sugandha jain) की युवा एडवोकेट सुगंधा जैन विधिक क्षेत्र के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में किए जा रहे अपने कामों से पीड़ितों व जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की किरण बनती जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट से अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाली रायपुर (raipur lawyer sugandha jain) के समता कॉलोनी निवासी सुश्री सुगन्धा जैन के मन में विधिक मामलों में छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाई पर ले जाने की चाह है। सुगंधा जैन उन गरीब विद्यार्थियों को नि:शुल्क पड़ाती हैं जो जज की परीक्षा में बैठना चाहते हैं।
गरीब व निर्धन बच्चों के केस भी सुगंधा नि:शुल्क लड़ती हैं। अधिवक्ता परिषद की ओर से सरकार को कंज्यूमर मामले में सुझाव देने की बात जब आई तो सुगंधा ने लिखित में कुछ बिंदु सरकार के सामने रखें । एक तरफ वे अपने प्रदेश से जुड़ी हैं तो वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रियता बनाए हुए हैं।
राज्य बाल कल्याण परिषद से जुड़ी हैं
वह छत्तीसगढ़ (cg young advocate sugandha jain) राज्य बाल कल्याण परिषद में सन 2013 से बतौर मेम्बर जुड़ी हुई हैं। अपने इसी अनुभव के आधार पर सुगंधा ने करीब 500 बच्चों के लिए आंचलिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक कैम्प रायपुर जिले के मठपुरैना गांव के स्कूल में आयोजित किया। लॉकडाउन के इस दौर में भी एशियन लॉ कॉलेज, नोएडा द्वारा आयोजित इंटरनेशनल लॉ एवं आईपीआर में उन्होंने बतौर जज अपनी सहभागिता दर्ज की। राष्ट्रीय बाल आयोग के साथ भी उन्होंने कुछ समय तक काम कर देश में बाल अधिकारों की स्थिति को स्थिति को समझा।
रायपुर से प्रारंभिक पढ़ाई, नागपुर से पूरी की लॉ की शिक्षा
स्व. राजेश जैन और श्रीमती इंदिरा जैन की पुत्री कु. सुगन्धा ने अध्ययन के प्रति अपने लगाव को जारी रखते प्रारम्भिक शिक्षा रायपुर (raipur young lawyer sugandha jain) से हासिल की। इसके बाद कानून की आगे की पढ़ाई नागपुर से पूरी की । बाद में सुगंधा ने अपने जीवन को कानूनी मामलों में ही समर्पित करने की ठान ली। आज उच्च शिक्षा अर्जित करने के बाद वह निरंतर इस दिशा में उपलब्धियां बढ़ाने की सहज कोशिश के चलते दिल्ली में बस गई हैं।
गर्भवती महिलाओं के साथ ही यौन उत्पीड़न पीड़ित बच्चों की करती हैं काउंसलिंग
लॉ की प्रैक्टिस के दैरान ही छत्तीसगढ़ (cg young advocate sugandha jain) राज्य बाल आयोग में इंटर्नशिप से उन्होंने अपने आगे के इरादे जाहिर कर दिए थे । आज वह इसी दिशा में सहयोग को तत्पर नजर आती हैं। समाज को खासकर महिलाओं और बच्चों को कानूनी जानकारियों से जोड़ने के क्रम में गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग के लिए उन्होंने खुद को आगे किया। यौन उत्पीड़न पीड़ित बच्चों की काउंसलिंग के लिए भी वह सहर्ष आगे आईं।
सुप्रीम कोर्ट बार चुनाव की समझीं बारीकियां
कानून की पढ़ाई के दौरान दिल्ली में रहते हुए सुप्रीम कोर्ट बार चुनाव में वह उस पैनल में शामिल थीं जिसको उस चुनाव की मॉनिटरिंग का अवसर मिला था। वर्ष 2018 में सीनियर एडवोकेट शेखर नाफड़े के नेतृत्व में उन्होंने मॉनिटरिंग करते हुए इस बात को समझा कि सुप्रीम कोर्ट और उसके चुनाव की कार्यप्रणाली क्या होती है।
स्वतंत्र प्रैक्टिस की ओर बढ़ाया कदम
असिस्टेंट एडवोकेट जनरल हरियाणा के पैनल में वे एडवोकेट मनीषा अग्रवाल के साथ जुड़ी हैं। इसके अलावा उन्होंने स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस की ओर भी कदम बढ़ा दिए हैं। वह स्वयं को भाग्यशाली मानती है कि कॅरियर का आरम्भ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से किया । चाइल्ड एब्यूज सरीखे जिस संवेदनशील विषय पर आमतौर पर लोग बात करना भी पसंद नहीं करते सुगंधा ने उसी से सम्बंधित मामले के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका दायर कर भविष्य के इरादे बता दिए।
कोविड मरीजों को भी दे रहीं संबल
सुगन्धा को लेकर खास बात यह है कि उनका परिवार पूरी तरह व्यवसायी रहा है। बिना किसी पृष्ठ भूमि के वह दिल्ली जैसी जगह में कानूनी मामलों की दुनिया में अपने पैर जमा रही हैं। इन दिनों रायपुर स्थित अपने घर पर रहकर कोविड पेशेंट्स को मानसिक संबल देने में भी उनका समय बीत रहा है। इसके अलावा वे लोगों को फोन पर ही नि:शुल्क विधिक सहायता दे रही हैं।