Dearness Allowance:एक ही राज्य में अलग-अलग महँगाई भत्ते की दर अन्याय पूर्ण – शिक्षक संघ
रायपुर/नवप्रदेश। महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को 11% बढ़ाते हुए 28% कर दिया है, जिससे राज्य में भी विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा महंगाई भत्ते को बहाल करने मांग बढ़ती जा रही है। कोरोना के चलते केन्द्र के साथ-साथ राज्य ने भी जनवरी से 2020 से ही मंहगाई भत्ते पर रोक लगा दिया गया था। तब से राज्य शासन द्वारा एक भी किश्त महंगाई भत्ते की प्रदान नही की गई है।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को 01जनवरी 2020, 01जुलाई 2020 एवं 01जनवरी 2021 से लागू होने वाली मंहगाई भत्ते की तीनों क़िस्त को मिलाकर कुल 11 प्रतिशत बढ़ोतरी का निर्णय पहले ही ले लिया। उसी तरह छत्तीसगढ़ में कार्यरत अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को भी 28 प्रतिशत महँगाई भत्ता देने के आदेश आज राज्य सरकार द्रारा जारी कर दिया गया।
छ.ग.शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री यशवन्त सिंह वर्मा ने बताया कि शिक्षक सहित राज्य के कर्मचारियों /अधिकारियों को सिर्फ 12 प्रतिशत महँगाई भत्ता दिया जा रहा है। अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों एवं राज्य के कर्मचारियों /अधिकारियों को अलग अलग दर पे महँगाई भत्ता देना राज्य के कर्मचारियों के साथ अन्याय है।
दीगर राज्यों में बढ़ा है महंगाई भत्ता
केंद्र सरकार के द्वारा महंगाई भत्ते में लगे रोक को हटाते ही और अपने कर्मचारियों को 28 फीसदी महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) देने के आदेश जारी करते ही राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखण्ड, बिहार, मध्य प्रदेश , पंजाब एवं उड़ीसा सहित कई राज्यों ने अपने कर्मचारियों को 28 फीसदी डीए देने का ऐलान कर चुकी है। वही छत्तीसगढ़ सरकार बार – बार आग्रह करने के बाद भी अभी तक लंबित महंगाई भत्ते को जारी नहीं कर रहा।
भत्ता बढ़ाने में छत्तीसगढ़ पीछे
केंद्र सरकार सहित बाकी अन्य राज्यों में जहा पिछले दो साल से 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के साथ वेतन दिया जा रहा है , वही छत्तीसगढ़ में सिर्फ 12 फीसदी महंगाई भत्ते के साथ वेतन मिल रहा है। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के भत्ते को 17 फीसदी से बढाकर सीधे 28 फीसदी पर ला दिया है वही छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों को सिर्फ 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता के साथ वेतन भुगतान किया जा रहा है। इस तरह से छत्तीसगढ़ केंद्र सरकार तथा अन्य राज्यों के तुलना में अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते के मामले में बहुत पीछे है।